हास्य पर कवितावां

हास्य नौ रसों में से

एक रस है। व्यंग्य, प्रहसन, चुटकुले आदि इसके अंतर्गत आते हैं। इस चयन में हास्य-रस को केंद्र में रखकर संभव हुई कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता22

एक हो डोकरो

उमाचरण महमिया

बिना बुलावै

जयकुमार ‘रुसवा’

मैं गयो पूछबा समञ्चार

बुद्धिप्रकाश पारीक

गैला मैं लोट पड़्यो पायो

बुद्धिप्रकाश पारीक

जिन्दगी

करणीदान बारहठ

अंग्रेजी टयूसण

रूप सिंह राजपुरी

डांखळा

शक्ति प्रकाश माथुर

नेक काम

रूप सिंह राजपुरी

नुंवी परिभाषावां

कुंदन सिंह 'सजल'

अनुशासन

करणीदान बारहठ

टेम नहीं है

रूप सिंह राजपुरी

ताऊ गो सपनो

रूप सिंह राजपुरी

डांखळा

गनपत प्रकाश माथुर

चक्कर

हरीश व्यास

नूंई घटना

सतीश गोल्याण

धाणी भूगड़ा

उमाचरण महमिया

चावड़ी

ओम पुरोहित ‘कागद’

मैं गयो जीतबा नै चुणात

बुद्धिप्रकाश पारीक

हास्य कवितावां

शंकरसिंह राजपुरोहित

मिनखां री बानगी

मोहन मण्डेला

गयो निमटबा एक बार

बुद्धिप्रकाश पारीक

डायरी

रूप सिंह राजपुरी