भूख पर कवितावां

भूख भोजन की इच्छा प्रकट

करता शारीरिक वेग है। सामाजिक संदर्भों में यह एक विद्रूपता है जो व्याप्त गहरी आर्थिक असमानता की सूचना देती है। प्रस्तुत चयन में भूख के विभिन्न संदर्भों का उपयोग करती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता68

औ कुण आयो, औ कुण आयो?

आईदान सिंह भाटी

भूख अर कविता

आशीष पुरोहित

निसरमी भूख

संजय पुरोहित

काळ सूं सवाल

गोरधन सिंह शेखावत

त्यूंहार

राजेन्द्र गौड़ 'धूळेट'

अकाल चिन्तन

हरीश आचार्य

बाट न्हाळती भूख

मंजू किशोर 'रश्मि'

भूख

राजेन्द्र सिंह चारण

मौत

केशव पथिक आचार्य

भूखमोचिनी

मदन गोपाल लढ़ा

धाप ई कोनी

नवनीत पाण्डे

इतिहास काळीबंगा रो

ओम पुरोहित ‘कागद’

पाट अर दाणा

पूनमचंद गोदारा

रोटी

रतना ‘राहगीर’

काळ अर भूख

भगवती लाल व्यास

भूख री ओळखाण

शंभुदान मेहडू

बगत रौ हेलो

अर्जुनसिंह शेखावत

धर्म

पूनमचंद गोदारा

भूख

पुरुषोत्तम छंगाणी

हजूर! म्हैं मजूर

भंवरलाल सुथार

सुळ सुळियो

मोहम्मद सदीक

रौवे

मदनमोहन पड़िहार

मनस्या भूख

प्रहलादराय पारीक

कांटाळी भूख

चन्द्र प्रकाश देवल

नर

मधुकर बनकोड़ा

भूख अर बांदरी

मगर चन्द्र दवे

नटरू

सत्यदीप ‘अपनत्व’

गरीब बापड़ो

भूरचन्दर जैन

हास्य कवितावां

शंकरसिंह राजपुरोहित

भासा अर भूख

कृष्ण कल्पित

लालची मिनख रो पेट

जेठानंद पंवार

खा’र मरग्यो

ओम पुरोहित ‘कागद’

भूख मरगी

पारस अरोड़ा

हिसाब

पारस अरोड़ा

भूख

नरेन्द्रपाल जैन

अेकर आज्या रे चांद!

दुष्यन्त जोशी

खेत

संजू श्रीमाली

भूख ना मरो

मनोज कुमार स्वामी

राजा कनै

नवनीत पाण्डे

रोटी

कन्हैयालाल सेठिया

गरीबी

इरफान अली

अन्नपूर्णा पात्र

कन्हैयालाल सेठिया

थाळी अर हथाली

नीरज दइया

भूख भाव

प्रहलादराय पारीक

करड़ो काळजो

मदन गोपाल लढ़ा

भूख

सतीश गोल्याण