भूख पर ग़ज़ल

भूख भोजन की इच्छा प्रकट

करता शारीरिक वेग है। सामाजिक संदर्भों में यह एक विद्रूपता है जो व्याप्त गहरी आर्थिक असमानता की सूचना देती है। प्रस्तुत चयन में भूख के विभिन्न संदर्भों का उपयोग करती कविताओं का संकलन किया गया है।

ग़ज़ल2

जोर भूखां रो आजमावण नैं

रामेश्वर दयाल श्रीमाली

मिनखां रो है काळ अठै

अब्दुल समद ‘राही’