नौकरी पर कवितावां

कवि के संघर्ष में उसका

आर्थिक संघर्ष एक प्रमुख उपस्थिति है और इसी से जुड़ा है फिर रोज़गारी-बेरोज़गारी का उसका अपना विशिष्ट दुख। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं से किया गया है।

कविता8

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

गणपत सिंह ‘मुग्धेश’

म्हारा छैल

रामदयाल मेहरा

भाटो

सुनील कुमार

नौकरी

मोनिका गढ़वाल

छोरौ

रामस्वरूप किसान

कीकर धोकै आज दिवाळी

संतोष कुमार पारीक