अर बेट्यां, राजी व्हैन पाळौ रे,

पाळौ रे, पढ़ाओ रे

पढ़ पढ़ बेट्याँ देख लो, कलक्टर बणगी रे

कलक्टर बणगी रे, चुण मिनिस्टर बणगी रे।

बेटा-बेटी में फरक राखतौ,

व्हौ जा चुक्यौ है जमानौ

तद भेदभाव लुगाइयाँ सूं व्हैतो,

घण दुख में व्हाकौ जीणो।

आज जमानौ बराबरी वाळौ रे,

वाळौ रे, समझाऔ रे॥१॥

अर बेट्याँ, राजी व्हैन पाळो रे॥२॥

पाळौ रे पढाओ रे

पढ़ पढ़ बेट्याँ देख लो...

भरून-हत्या तो भारी जुळम है,

थ्हैं भूल कर मती करज्यौ

गर गळती करोला पाप भोगोला,

जाय जेळ मांय मरज्यौ।

कन्या नै खूब सम्भाळो रे, सम्भाळो रे,

लाड लडाओ रे॥२॥

अर बेट्याँ, राजी व्हैन पाळौ रे,

पाळौ रे पढ़ाओ रे

पढ़ पढ़ बेट्याँ देख लो ...

नूवां जमाना री नूवीं बात आ,

कोने है छोर् यां कमती

अे रक्सा, सिविल-सेवा मांय आगै,

राजनीति मांय जमती।

देख छोर् यां रौ उजाळौ रे, उजाळौ रे,

सभी हरसाओ रे॥3॥

अर बेट्यां, राजी व्हैन पाळौ रे,

पाळौ रे, पढ़ाओ रे

पढ़ पढ़ बेट्याँ देख लो, कलक्टर बणगी रे

कलक्टर बणगी रे, चुण मिनिस्टर बणगी रे।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : गणपत सिंह ‘मुग्धेश’
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