बेली पर कवितावां

मित्रता दो या दो से

अधिक व्यक्तियों के बीच का अंतर्वैयक्तिक बंधन है जिसके मूल में आत्मीयता होती है। मित्रता के गुणधर्म पर नीतिकाव्यों में पर्याप्त विचार किया गया है। इस चयन में मित्र और मित्रता-संबंधी अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।

कविता33

मित्रता अर प्रेम

अनुश्री राठौड़

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

म्हारो भायलो

रतना ‘राहगीर’

काचो सूत

पूनमचंद गोदारा

मुखौटो

गौरीशंकर 'कमलेश'

अबोट गैलो

वाज़िद हसन काजी

गरमी आई

भगवान सैनी

अबोली छै आ ज़िंदगी

उगमसिंह राजपुरोहित 'दिलीप'

पांवणां रै विजोग में

मीठेश निर्मोही

धरम जको अबार है

चेतन स्वामी

हाल-चाल

कुलदीप पारीक 'दीप'

हथाई

हनुमान प्रसाद 'बिरकाळी'

उडीक

कन्हैयालाल भाटी

थथोपो

रामनिवास सोनी

भरोसो

रामनिवास सोनी

मीत

सीमा भाटी

थारै घर की रीत

नैनमल जैन

साथी

निशान्त

सुण साथी म्हारा

सत्यदीप ‘अपनत्व’

दोय नान्हा गीत

भंवर कसाना

निसर जावै रेत सा

राजेश कुमार व्यास

हाथ

दुष्यन्त जोशी

कविता कोई ऐर-गैर चीज कोनी

रामेश्वर दयाल श्रीमाली

जूनो संगेती

भगवती लाल व्यास

दरसाव

प्रेमजी ‘प्रेम’

ओळ्यूं

गोरधन सिंह शेखावत

निरखीजता दरसाव

दुलाराम सहारण

भायला

नवनीत पाण्डे

पंख

मणि मधुकर