म्‍हूं

दुखी नीं हूं

क्‍यूं कै

तेरौ अेक हाथ

मन्नै

मेरे कांधै माथै

दीखै।

स्रोत
  • सिरजक : दुष्यंत जोशी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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