थे कैवो तो थांकै वासतै

आकास रा तारा तोड़ ल्यादूं।

हीरा—मोत्यां रा छाजला

भर ल्यादूं।

पण आज म्हारो काम अटकग्यो

दस रिपिया उधार देणा पड़सी।

स्रोत
  • पोथी : मुळकै माटी : गूँजै गीत ,
  • सिरजक : रामनिवास सोनी ,
  • प्रकाशक : कलासन प्रकाशन (बीकानेर)
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