इच्छा पर कवितावां

तृष्णा अप्राप्त की प्राप्ति

की तीव्र इच्छा का भाव है। एक प्रबल मनोभाव के रूप में विभिन्न विषय-प्रसंगों में तृष्णा का रूपक नैसर्गिक रूप से अभिव्यक्त होता रहा है। यहाँ इस चयन में तृष्णा, तृषा, प्यास, पिपासा, कामना की पूर्ति-अपूर्ति के संदर्भ रचती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता7

म्हानै याद है

अजय कुमार सोनी

सांचोड़ौ समर-वीर

संतोष शेखावत ‘बरड़वा’

सालीणौ इम्तहान

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

चिड़ी बणा दीज्यो

सीमा राठौड़ ‘शैलजा’

मायड़ भासा

रामकुमार भाम्भू

मंजिल

गोरधन सिंह शेखावत