बादळ पर कवितावां

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

कविता78

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

पटापट

राजूराम बिजारणियां

खड़को

आशीष बिहानी

बादळी

चतुर कोठारी

थार में पै'लो बिरवो

नरेंद्र व्यास

बादळ बिरखा बिजळी

कुन्दन माली

मेह बाबा तू म्हैर कर

राम पंचाल भारतीय

म्हारा हिस्सा को अहसास

हरिचरण अहरवाल 'निर्दोष'

सुण ले बादळ म्हारी बात

प्रेमजी ‘प्रेम’

महिनौ सावण रौ

अमर सिंह राजपुरोहित

झाँसो

सांवर दइया

काळी बादळी

रशीद अहमद पहाड़ी

उडीक

इरशाद अज़ीज़

चौमासो

अनुराग

सरवर तीरां चांदणी

प्रेमजी ‘प्रेम’

काळ-दुकाळ

प्रेमजी ‘प्रेम’

आखर-अरथ अर भाव

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

संझ्या : तीन चतराम

प्रेमजी ‘प्रेम’

झूंठो बणज

प्रेमजी ‘प्रेम’

पांवणां रै विजोग में

मीठेश निर्मोही

बिरखा

बी.एल.माली

बादळी

कन्हैयालाल सेठिया

गजबण बीजळी

सोनी सांवरमल

म्हारी कविता

लक्ष्मीनारायण रंगा

आषाढी बिरखा

नंदू राजस्थानी

डूंगर रौ हियौ

गोरधन सिंह शेखावत

बिरखा

गुमानसिंह शेखावत

बादळी आज बरसती जा

पुखराज मुणोत

सोध लीवी पिरथमी

नंद भारद्वाज

रुठयो इन्दर

श्यामसुन्दर ‘श्रीपत’

अणगिणत (31)

सुंदर पारख

बादळ

दुष्यन्त जोशी

मेहौ

रमेशचन्द्र शर्मा ‘इन्दु’

सांचो हेज

रचना शेखावत

म्हैं

सन्तोष मायामोहन

बिरखा

शंकर दान चारण

बिरखा

सुमेरसिंह शेखावत

म्हैं थार रौ कवि

चन्द्र प्रकाश देवल

मेह पावणो

कान्ह महर्षि

बरसाळो

मघाराम लिम्बा

मोरचंग

प्रमिला शंकर

बादळी

महेन्द्र यादव

अचपळा बादळ

नरेंद्र व्यास

बादळियो जळ भर लायो

रामदयाल मेहरा

कोढियो काळ

रामनिवास सोनी