बादळ पर ग़ज़ल

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

ग़ज़ल3

जीवां ने जंतरण्या वादळ

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

सात रंग रा सरनामा

नरपत आशिया "वैतालिक"

दे दाता बादळ पूरो

राजूराम बिजारणियां