बादळ पर दूहा

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

दूहा8

जे म्हैं होती बादळी

बंशीलाल सोलंकी

बरस्या बादळ जोर

अनिता वर्मा

बिरखा आई आंगणै

शिवराज भारतीय

सूंटो

उदयवीर शर्मा

मरुधर माटी ऊकळ

प्रहलादराय पारीक