बादळ पर दूहा

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

दूहा42

खो मत जीवण (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

आभ अमूझी वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

बरसै जद घन बादळी

आयुषी राखेचा

किरसाणां हळ सांभिया (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

आयी नेड़ी मिलण नै (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

कोरा-कोरा धोरिया (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

आस लगायां मुरधरा (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

चरचर करती चिड़कल्यां (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

छावण लागी वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

जे म्हैं होती बादळी

बंशीलाल सोलंकी

वीजां अकुर कूटिया (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

बरस्या बादळ जोर

अनिता वर्मा

बिरखा आई आंगणै

शिवराज भारतीय

सूंटो

उदयवीर शर्मा

जीवण नै सह तरसिया (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

नहीं नदी-नाळा अठै (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

मरुधर माटी ऊकळ

प्रहलादराय पारीक

प्रीतम भेजी वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

चुप मत साधै वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

नभ सूं उतरी वादली (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

गाज न समझूं, वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

सोनै सूरज ऊगियो (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

सूरज साजन आवसी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

जळ सो प्यारो जीव (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

सूरज किरण उंतावळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

पहरै वदळै वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

अम्बर में उमड़ी घटा (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

रळमिळ चाली तीजण्यां (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

सज धज आवै सामनै (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

धोळी रुई फैल सी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

गांव-गाव में वादळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

टप-टप चूवै आसरा (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

आज कळायण ऊमटी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

चालै पवन अटावरी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

आभो धररायो अबै (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

आतां देख उंतावळी (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

छोड़ मरोड़, छिपा मती (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी