बादळ पर गीत

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

गीत17

मेबाबा

आभा मेहता 'उर्मिल'

बरसो रे

किशोर कल्पनाकान्त

बादळी

रामनिवास सोनी

बादळियां रो गीत

गोवर्धन शर्मा

धोळी बादळ

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

आयो रितुराज

शिव पांडे

अरदास

महावीर प्रसाद जोसी

बरस बादळा, यार भायला!

रामकरण प्रभाती

डूंगराँ पै बादळ्याँ

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

मरवण! तार बजा

किशोर कल्पनाकान्त

बादली ठम जा ए

विश्वेश्वर शर्मा

लोग लुगाई

सोनी सांवरमल

उडीक रौ गीत

किशोर कल्पनाकान्त

बरखा

रशीद अहमद पहाड़ी