नीति काव्य पर सोरठा

सोरठा37

बोलै सांचा बोल

रायसिंह सांदू

श्याम राखजो साख

साह मोहनराज

नशा जगत रा नीच

साह मोहनराज

पंड मै मोटा पाप

रायसिंह सांदू

सूमां रै घर सोय

रायसिंह सांदू

ऊंचै कुळ में आय

आयस देवनाथ

मूरख रख रे मून

साह मोहनराज

चिंता खोटी मार

साह मोहनराज

कुटळ निपट नाकार

कृपाराम खिड़िया

सुपना सम संसार

साह मोहनराज

दुष्ट सहज समुदाय

कृपाराम खिड़िया

कीधोड़ा उपकार

कृपाराम खिड़िया

सुख में प्रीत सवाय

कृपाराम खिड़िया

अजै धणी ऊजैण

रायसिंह सांदू

मेटै दुःख मुरार

साह मोहनराज

कपटी जे नर कूड़

आयस देवनाथ

खडियाँ ऊसर खेत

साह मोहनराज

उद्दम करौ अनेक

कृपाराम खिड़िया

वीसळदे वाळीह

रायसिंह सांदू

खाटी अपणी खाय

रायसिंह सांदू

नीति-मंजरी सोरठा

बांकीदास आशिया

अहळा जाय उपाय

कृपाराम खिड़िया

रात-दिवस हिक रांम

रायसिंह सांदू

जबर जबर जोधार

साह मोहनराज

मुख ऊपर मिठियास

कृपाराम खिड़िया

पढ़बो वेद पुरांण

कृपाराम खिड़िया

गुण सूं तजै न गांस

कृपाराम खिड़िया

साचै मन सूं सेव

आयस देवनाथ

बांधै मूह बजार

रायसिंह सांदू

सब रै होत समान

साह मोहनराज

नहिं विद्या धन

साह मोहनराज

पंड मै घणौ पियार,

रायसिंह सांदू

कासूं काज करेह

रायसिंह सांदू

समझणहार सुजांण

कृपाराम खिड़िया