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मूरख रख रे मून
साह मोहनराज
चिंता खोटी मार
साह मोहनराज
मेटै दुःख मुरार
साह मोहनराज
श्याम राखजो साख
साह मोहनराज
जबर जबर जोधार
साह मोहनराज
सब रै होत समान
साह मोहनराज
नहिं विद्या धन
साह मोहनराज
बीती करो न बात
साह मोहनराज
बैरी पूछै बात
साह मोहनराज
पंड मै घणौ पियार,
रायसिंह सांदू
कासूं काज करेह
रायसिंह सांदू
लागी जिणरै लाय
साह मोहनराज
समझणहार सुजांण
कृपाराम खिड़िया
बोलै सांचा बोल
रायसिंह सांदू
खरी कमाई खाय
साह मोहनराज
मुख ऊपर मिठियास
कृपाराम खिड़िया
पढ़बो वेद पुरांण
कृपाराम खिड़िया
गुण सूं तजै न गांस
कृपाराम खिड़िया
साचै मन सूं सेव
आयस देवनाथ
जित तित देख्यो जोय
साह मोहनराज
बांधै मूह बजार
रायसिंह सांदू
दुख री भली न दाख
साह मोहनराज
मैहलां बैसण मन्न
आयस देवनाथ
मांगी मिळै न मौत
साह मोहनराज
नशा जगत रा नीच
साह मोहनराज
प्रभु कीनी प्रतिपाळ
साह मोहनराज
पंड मै मोटा पाप
रायसिंह सांदू
धन, तन, गिटसी धाम
साह मोहनराज
सूमां रै घर सोय
रायसिंह सांदू
हँस कर बोल हमेश
साह मोहनराज
ऊंचै कुळ में आय
आयस देवनाथ
सब रूठै संसार
साह मोहनराज
कपटी जे नर कूड़
आयस देवनाथ
खडियाँ ऊसर खेत
साह मोहनराज
राखै जिणनै राम
साह मोहनराज
दुख में दोसत दोय
साह मोहनराज
रावण सरखो राव
साह मोहनराज
उद्दम करौ अनेक
कृपाराम खिड़िया
गुळ नै खळ जिण गांम
आयस देवनाथ
होणहार रो हाल
साह मोहनराज
वीसळदे वाळीह
रायसिंह सांदू
जबर जबर जोधार
साह मोहनराज
छिन में देसी छोड़
साह मोहनराज
बिरला होवे बीर
साह मोहनराज
चित हित सूं कर चाव
साह मोहनराज
बखत जावसी बीत
साह मोहनराज
पूरब पुण्य प्रताप
साह मोहनराज
आज हि नहीं अबार
साह मोहनराज
खाटी अपणी खाय
रायसिंह सांदू
हिम्मत तब ही होय
साह मोहनराज
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