भगवान पर कवितावां

ईश्वर मानवीय कल्पना

या स्मृति का अद्वितीय प्रतिबिंबन है। वह मानव के सुख-दुःख की कथाओं का नायक भी रहा है और अवलंब भी। संकल्पनाओं के लोकतंत्रीकरण के साथ मानव और ईश्वर के संबंध बदले हैं तो ईश्वर से मानव के संबंध और संवाद में भी अंतर आया है। आदिम प्रार्थनाओं से समकालीन कविताओं तक ईश्वर और मानव की इस सहयात्रा की प्रगति को देखा जा सकता है।

कविता58

आओ बेटी बचावां

रचना शेखावत

म्हारो देवता

सतीश छिम्पा

देव करै धरती रखवाळी

अस्त अली खां मलकांण

रूंख हड़मान जी

मनोज पुरोहित 'अनंत'

मिरतु रो देवता

लक्ष्मीनारायण रंगा

मिनख

उम्मेद गोठवाल

पुरस थे

सन्तोष मायामोहन

धमाको

नगेन्द्र नारायण किराडू

मुगती रो मारग

सतीश सम्यक

ईसको

सत्यप्रकाश जोशी

हाइकु

घनश्याम नाथ कच्छावा

पगां मत लाग

शैलेन्द्र सिंह नूंदड़ा

परमेसर नैं

गंगासागर सारस्वत

सरणार्थी कैंप

प्रियंका भारद्वाज

अरदास

चन्द्र प्रकाश देवल

ब्रितांत

मणि मधुकर

थारौ ईसर

गौरी शंकर निम्मीवाल

आसक्ति (15)

सुंदर पारख

बापड़ा

मणि मधुकर

हो न हो

निशान्त

आस इणी में

कमल रंगा

बकरी चढै चकरी

ओम पुरोहित ‘कागद’

भगवान मदत करता

भगवान सैनी

दुख

अर्जुन देव चारण

गीत

उपेन्द्र अणु

बिंदास

आशा पाण्डेय ओझा

जद हरी करै

सांवर दइया

अंतस रा देव

तेजस मुंगेरिया

नीं सीखूंला म्हैं

संजय आचार्य 'वरुण'

देस मांय

विप्लव व्यास

करम सांतरा करजै बीरा

कैलाशदान कविया

ठाकुरजी

हरि शंकर आचार्य

हार-जीत

नरेश व्यास

जीवन

मोनिका गौड़

मीडी

छत्रपाल शिवाजी

सुणो भगवान..!

मंजू किशोर 'रश्मि'

इंदर आड़ौ छोड़दै!

भंवरलाल सुथार

आथड़तो अंतर

आशा पाण्डेय ओझा

धरती मा

भंवर कसाना

जे थारै ई है हाथ

ओम पुरोहित ‘कागद’

म्हारौ भगवान

पवन सिहाग 'अनाम'

बोवणी

पारस अरोड़ा

पूजा

सत्यप्रकाश जोशी

मिनख मोकळो सगतीमान

देवकरण जोशी 'दीपक'