रोही पर कवितावां

जंगल एक आदिम उपस्थिति,

एक पारितंत्र और जीवन के स्रोत के साथ ही एक प्रवृत्ति का प्रतिनिधि है। इस चयन में जंगल विषयक कविताओं का संग्रह किया गया है।

कविता11

परेम

अंजु कल्याणवत

लाल धजा री आंण फिरै

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

बैराग

रचना शेखावत

गैला

सोनाली सुथार

पर्यावरण गीत

उपेन्द्र अणु

चड्डी आळो फूल

चैन सिंह शेखावत

थांरो परस

विजयसिंह नाहटा

रोही में परजातंतर

कन्हैयालाल सेठिया

फोग री व्यथा

संग्राम सिंह सोढा

जंगळी

अशोक परिहार 'उदय'

मिनख रौ पगफेरौ

नंद भारद्वाज