मैमा पर कवितावां

मैमा महानता की अवस्था

या भाव है। महिमा की गिनती आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक के रूप में भी की गई है। इस चयन में शामिल काव्य-रूपों में ‘महिमा’ कुंजी-शब्द के रूप में उपस्थित है।

कविता40

मरू ओळखाण

सुरेश कुमार डूडी

आ राजस्थानी भाषा है

शक्तिदान कविया

म्हारौ राजस्थान

रामाराम चौधरी

ओ मंडाण साम्हीं है

मोहन मण्डेला

प्रेम

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

ईक सूरज पूरब मा उग्यो

प्रियंका भट्ट

म्हारो मरुधर देश...

श्रीनिवास तिवाड़ी

भोळं नो भगवान

राम पंचाल भारतीय

भड़ाका नो भबकारो

ज्योतिपुंज

देश आपणो

विजयलक्ष्मी देथा

अेक कहाणी

राकेश कमल मूथा

सुख अर सिंवाळ

बाबूलाल शर्मा

कोरजाक

ब्रज नारायण कौशिक

अैरण बूझै रै घण बीर नै

सत्यप्रकाश जोशी

किराया को मकान छ

वल्लभ महाजन

काबां वाळी किनयाणी

पवन कुमार राजपुरोहित

वीणा धरणी मायङ म्हारी

कालूराम प्रजापति 'कमल'

हैलो राजस्थानी रो

रामजीलाल घोड़ेला 'भारती'

पिरथी पे पूंजी कमाले रे प्राणी

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

नित राजस्थान जियो

रामदेव आचार्य

जै लिखण वाळो हुवै

रतना ‘राहगीर’

राजस्थानी महिमा

उपेन्द्र अणु

नादाधींन जगत

राजेश कुमार व्यास

राजस्थान

सत्येन जोशी

म्हारा कंवर सा

कल्याणसिंह राजावत

आ धरती उजळा धोरां री

श्रीनिवास तिवाड़ी

गमियोड़ौ गांव

सत्यदेव संवितेन्द्र

सिंवरण

सीमा पारीक

म्हारो जैसलमेर

पुरुषोत्तम छंगाणी

मथारौ

नाथूसिंह इंदा

म्हारो राजस्थान

अनिता वर्मा