महिमा पर कवितावां

मैमा महानता की अवस्था

या भाव है। महिमा की गिनती आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक के रूप में भी की गई है। इस चयन में शामिल काव्य-रूपों में ‘महिमा’ कुंजी-शब्द के रूप में उपस्थित है।

कविता68

आ राजस्थानी भाषा है

शक्तिदान कविया

मरू ओळखाण

सुरेश कुमार डूडी

म्हारौ राजस्थान

रामाराम चौधरी

मून मारै चिरळाटी

आनंद पुरोहित 'मस्ताना'

ओ मंडाण साम्हीं है

मोहन मण्डेला

प्रेम

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

अैनांण

आशीष पुरोहित

राणी पदमणी

मेघराज मुकुल

धरती रो हेलो

मेघराज मुकुल

ईक सूरज पूरब मा उग्यो

प्रियंका भट्ट

तसवीर नी बोले

कैलाश मंडेला

म्हारो मरुधर देश...

श्रीनिवास तिवाड़ी

नाडी रो जळ

गजेन्द्र कंवर चम्पावत

मरुधर महिमा

कृष्णपाल सिंह राखी

काळ बहेलियो

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

भोळं नो भगवान

राम पंचाल भारतीय

भड़ाका नो भबकारो

ज्योतिपुंज

देश आपणो

विजयलक्ष्मी देथा

अेक कहाणी

राकेश कमल मूथा

सुख अर सिंवाळ

बाबूलाल शर्मा

परकत इच्छा

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

मिनख-मिनख री मार

कपिलदेव आर्य

जै लिखण वाळो हुवै

रतना ‘राहगीर’

आजादी री डोर

फतहलाल गुर्जर 'अनोखा'

नादाधींन जगत

राजेश कुमार व्यास

राजस्थान

सत्येन जोशी

म्हारा कंवर सा

कल्याणसिंह राजावत

रसोई

कमल किशोर पिपलवा

आ धरती उजळा धोरां री

श्रीनिवास तिवाड़ी

सौ सुनार री

कैलाश मंडेला

गमियोड़ौ गांव

सत्यदेव संवितेन्द्र

देस री जवानी

मेघराज मुकुल

सिंवरण

सीमा पारीक

म्हारो जैसलमेर

पुरुषोत्तम छंगाणी

मथारौ

नाथूसिंह इंदा

म्हारो राजस्थान

अनिता वर्मा

कोरजाक

ब्रज नारायण कौशिक