महिमा पर छप्पय

महिमा महानता की अवस्था

या भाव है। महिमा की गिनती आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक के रूप में भी की गई है। इस चयन में शामिल काव्य-रूपों में ‘महिमा’ कुंजी-शब्द के रूप में उपस्थित है।

छप्पय4

दिसै जंगळां डगळ

अलूनाथ कविया

नमो अलख अणरूप

संत सेवगराम जी महाराज

छप्पय करणी जी रो

कुलदीप सिंह इण्डाली