मैमा पर दूहा

मैमा महानता की अवस्था

या भाव है। महिमा की गिनती आठ प्रकार की सिद्धियों में से एक के रूप में भी की गई है। इस चयन में शामिल काव्य-रूपों में ‘महिमा’ कुंजी-शब्द के रूप में उपस्थित है।

दूहा21

दूहा वीर रस रा

कुलदीप सिंह इण्डाली

प्रताप सिंह बारहठ पर दूहा

कुलदीप सिंह इण्डाली

दूहा माता जी रा

कुलदीप सिंह इण्डाली

सबसुं मोटी संसार

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित

अलख लेख में गुरु नहीं

किशनदास जी महाराज

पगां न बळ पतसाह

जाडा मेहडू

चामल माँ

अनिता वर्मा

सौ-सौ देवत सुमर

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित

महाराज अजमाल रै

वीरभाण रतनू

मायड़ मिली न मोय

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित

मायड़ भाषा

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

सीख रा दूहा

मातुसिंह राठौड़

वार पार गुरु गम अगम

किशनदास जी महाराज

भाग भला शिष्य गुरु मिला

किशनदास जी महाराज

थळवट रा दूहा

शक्तिदान कविया

ईला में ममता अेक

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित

थग-थग करतौ थड़ी

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित

किसा अे देवै कमाय

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित