जूण पर कवितावां

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता505

काची-पाकी जूण

आशीष पुरोहित

काळ

मणि मधुकर

डांडी रौ उथळाव

तेजस मुंगेरिया

आ दिनां

संदीप 'निर्भय'

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

भड़ास

विमला महरिया 'मौज'

इण तरै रा सून्याड़ में

भगवती लाल व्यास

घूमर

नारायण सिंह भाटी

अरे बुझागड़!

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

बदळाव

कृष्ण कल्पित

दीवट

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

हरिया रूंख

अंजु कल्याणवत

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

गांव री कांदा-रोटी

मृदुला राजपुरोहित

नदी अर मजल

कैलाश कबीर

अंतस रो दीवो

सुमन बिस्सा

धुड़कै जूण

राजूराम बिजारणियां

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

परेम

अंजु कल्याणवत

ट्रेक्टर

जगदीश गिरी

सवाल रेखागणित रो

चेतन स्वामी

समाध

सत्यप्रकाश जोशी

जूण

अम्बिका दत्त

काळ

चंद्रशेखर अरोड़ा

जतन

ओमप्रकाश गर्ग 'मधुप'

कविता

रमेश मयंक

भूल-बूंटी*

चन्द्र प्रकाश देवल

औ जमारौ

सुधीर राखेचा

मारग रै सीगै

चन्द्र प्रकाश देवल

मौत रौ मारग

चन्द्र प्रकाश देवल

चौरौ

भोगीलाल पाटीदार

दूजौ

मणि मधुकर

कांकड़

पूनमचंद गोदारा

काच

गोरधन सिंह शेखावत

चकवा-चकवी

देवेश पथ सारिया

जीवण-जुद्ध रा ओळिया

दुलाराम सहारण

किणनै उडीकां हां

अर्जुन देव चारण

म्हैं लुगाई हूँ

यूसुफ खान साहिल

न्हँ आयो

अम्बिका दत्त

जीवन-जेवड़ी

अम्बिका दत्त

ओळखाण

किशोर कल्पनाकान्त