जूण पर कवितावां

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता589

काळ

मणि मधुकर

डांडी रौ उथळाव

तेजस मुंगेरिया

कठा सूं आवै है सबद

भगवती लाल व्यास

काची-पाकी जूण

आशीष पुरोहित

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'

आ दिनां

संदीप 'निर्भय'

नदी अर मजल

कैलाश कबीर

धुड़कै जूण

राजूराम बिजारणियां

अंतस रो दीवो

सुमन बिस्सा

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

गांव री कांदा-रोटी

मृदुला राजपुरोहित

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

शमसाँण री कणेर

भगवती लाल व्यास

घूमर

नारायण सिंह भाटी

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

अरे बुझागड़!

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

अणहद नाद

भगवती लाल व्यास

बदळाव

कृष्ण कल्पित

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

ट्रेक्टर

जगदीश गिरी

सवाल रेखागणित रो

चेतन स्वामी

परेम

अंजु कल्याणवत

पांखी री पीड़

भगवती लाल व्यास

भड़ास

विमला महरिया 'मौज'

बंटवारो

भगवती लाल व्यास

दीवट

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

हरिया रूंख

अंजु कल्याणवत

मौसम

गोरधन सिंह शेखावत

कठै गई बा...

दुष्यन्त जोशी

खेजड़ी

नंद भारद्वाज

मिनख-जूँण

शिव 'मृदुल'

अठहत्तरूंवो पान्नौ

संदीप 'निर्भय'

नांवरासी

मणि मधुकर

पनजी मारू

गोरधन सिंह शेखावत

औ ई निवेड़

स्वामी खुसाल नाथ

विसार

वरदी चंद राव 'विचित्र'

अगमघाट्यां माय भटकीजतो मैं

किशोर कल्पनाकान्त

केटलू ताजू थातू

नलिनी नाथ भट्ट

बाऊ-सा!

मणि मधुकर

नासेटू री जूंण-जातरा

महेंद्रसिंह छायण

जीवन

मोनिका गौड़

बोल भारमली

सत्यप्रकाश जोशी

राड़ भोभर बणावै

राजेश कुमार व्यास

बाटियो

घनश्याम नाथ कच्छावा

क्रिस्णाकुमारी

अर्जुन देव चारण

सौरम रो भभको

रामस्वरूप किसान