जूण पर कवितावां

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता362

आ दिनां

संदीप 'निर्भय'

काची-पाकी जूण

आशीष पुरोहित

भड़ास

विमला महरिया 'मौज'

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

अंतस रो दीवो

सुमन बिस्सा

नदी अर मजल

कैलाश कबीर

गांव री कांदा-रोटी

मृदुला राजपुरोहित

डांडी रौ उथळाव

तेजस मुंगेरिया

धुड़कै जूण

राजूराम बिजारणियां

सतिये नै सीख

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

हरिया रूंख

अंजु कल्याणवत

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

परेम

अंजु कल्याणवत

सवाल रेखागणित रो

चेतन स्वामी

इण तरै रा सून्याड़ में

भगवती लाल व्यास

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

अरे बुझागड़!

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

बदळाव

कृष्ण कल्पित

सोजती गेट

मणि मधुकर

जीवण को जंजाळ

मंजू किशोर 'रश्मि'

कांकड़

पूनमचंद गोदारा

काच

गोरधन सिंह शेखावत

चकवा-चकवी

देवेश पथ सारिया

जीवण-जुद्ध रा ओळिया

दुलाराम सहारण

म्हैं लुगाई हूँ

यूसुफ खान साहिल

न्हँ आयो

अम्बिका दत्त

जीवन-जेवड़ी

अम्बिका दत्त

हॉर्स ब्लाइंड

मनीषा आर्य सोनी

निसतारौ

चन्द्र प्रकाश देवल

म्हारो मारग

रेणुका व्यास 'नीलम'

बिरवा इयै बगत रा

नवनीत पाण्डे

किरकेट

मणि मधुकर

हिसाब री वसूली

अर्जुन देव चारण

सत्त-सुंवाज

मणि मधुकर

तूटणौ अर बिखरणौ

तेजस मुंगेरिया

रति

कैलाश कबीर

मिरतलोक रो जीव

बाबूलाल शर्मा

गत-पत

मणि मधुकर

नसबन्दी

बी एल पारस

मारग

चन्द्र प्रकाश देवल

भूलणो

सत्यप्रकाश जोशी

किनको

घनश्याम नाथ कच्छावा

कटौती

नरेश व्यास

अे दुनियां आधी

संजय पुरोहित