जूण पर कवितावां

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता670

डांडी रौ उथळाव

तेजस मुंगेरिया

काळ

मणि मधुकर

कठा सूं आवै है सबद

भगवती लाल व्यास

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'

आ दिनां

संदीप 'निर्भय'

दीठाव रै बेजा मांय

तेजसिंह जोधा

अरे बुझागड़!

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

काची-पाकी जूण

आशीष पुरोहित

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

गांव री कांदा-रोटी

मृदुला राजपुरोहित

नदी अर मजल

कैलाश कबीर

धुड़कै जूण

राजूराम बिजारणियां

शमसाँण री कणेर

भगवती लाल व्यास

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

भड़ास

विमला महरिया 'मौज'

पांखी री पीड़

भगवती लाल व्यास

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

ट्रेक्टर

जगदीश गिरी

परेम

अंजु कल्याणवत

सवाल रेखागणित रो

चेतन स्वामी

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

अणहद नाद

भगवती लाल व्यास

बंटवारो

भगवती लाल व्यास

अंतस रो दीवो

सुमन बिस्सा

घूमर

नारायण सिंह भाटी

बदळाव

कृष्ण कल्पित

दौरो घणो जीणो

कृष्णा आचार्य

दीवट

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

हरिया रूंख

अंजु कल्याणवत

नांवरासी

मणि मधुकर

पनजी मारू

गोरधन सिंह शेखावत

औ ई निवेड़

स्वामी खुसाल नाथ

विसार

वरदी चंद राव 'विचित्र'

अगमघाट्यां माय भटकीजतो मैं

किशोर कल्पनाकान्त

केटलू ताजू थातू

नलिनी नाथ भट्ट

बाऊ-सा!

मणि मधुकर

नासेटू री जूंण-जातरा

महेंद्रसिंह छायण

जीवन

मोनिका गौड़

बोल भारमली

सत्यप्रकाश जोशी

म्हारै सूं नीं होवैला

संजय आचार्य 'वरुण'

राड़ भोभर बणावै

राजेश कुमार व्यास

बाटियो

घनश्याम नाथ कच्छावा

क्रिस्णाकुमारी

अर्जुनदेव चारण

सौरम रो भभको

रामस्वरूप किसान

बेटी रो जीवण

मान कँवर ‘मैना’

अब ऊं होग्यो छै मोट्यार

हेमन्त गुप्ता पंकज

बीज

पारस अरोड़ा