जूण पर कवितावां

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता693

आ दिनां

संदीप 'निर्भय'

दीठाव रै बेजा मांय

तेजसिंह जोधा

परेम

अंजु कल्याणवत

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'

कठा सूं आवै है सबद

भगवती लाल व्यास

डांडी रौ उथळाव

तेजस मुंगेरिया

काळ

मणि मधुकर

अरे बुझागड़!

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

काची-पाकी जूण

आशीष पुरोहित

हरिया रूंख

अंजु कल्याणवत

बंटवारो

भगवती लाल व्यास

भड़ास

विमला महरिया 'मौज'

पांखी री पीड़

भगवती लाल व्यास

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

सवाल रेखागणित रो

चेतन स्वामी

मोरियो

अंजु कल्याणवत

ट्रेक्टर

जगदीश गिरी

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

शमसाँण री कणेर

भगवती लाल व्यास

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

अंतस रो दीवो

सुमन बिस्सा

नदी अर मजल

कैलाश कबीर

धुड़कै जूण

राजूराम बिजारणियां

गांव री कांदा-रोटी

मृदुला राजपुरोहित

अणहद नाद

भगवती लाल व्यास

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

दीवट

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

घूमर

नारायण सिंह भाटी

दौरो घणो जीणो

कृष्णा आचार्य

बदळाव

कृष्ण कल्पित

थारी गाथा

अर्जुनदेव चारण

गम रैयो है गांव

आशा पाण्डेय ओझा

जीवण

अवन्तिका तूनवाल

तीरथजातरा

निकोलाई जाबोल्त्स्की

म्हे यूं तो

अम्बिका दत्त

पै’लगांम

मणि मधुकर

काळौ घोड़ो

मणि मधुकर

मुळक

प्रियंका भारद्वाज

जूण री रेल

नरेश मेहन

जठै अजै तक

महेंद्रसिंह छायण

पाछा चालो खेत में

विमला महरिया 'मौज'

आगै अंधारौ

नंद भारद्वाज

गुप्तचर

शक्ति चट्टोपाध्याय

लूंण री जात

चन्द्र प्रकाश देवल

टिल्लो

मोहम्मद सदीक

अे दिवलै री जोत

किशोर कल्पनाकान्त

बीच आलां लोगां रौ बिलखणौ

हंस मैग्नस एनज़ेंसबर्गर