जूण पर उद्धरण

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

उद्धरण2

quote

”मिनख रै जोग मिनख री असली उमर फगत दोय बरसां री है। मिनखां री गळाई बोलणौ सीखतां टाबर मिनखां रा लखण सीखणा चालू करदै। अर आं लखणां रै बधापा साथै मिनखीचारौ विणसतौ जावै। इण वास्तै मिनख दोय बरस सूं कम जीवै तौ खोटौ अर वत्तौ जीवै तौ खोटौ। दोय बरस री निरोगी उमर पायलै तौ मिनखां-जूंण सुफळ व्है जावै। पण मिनख तौ हजार बरस जीवण री कांमना राखै।“

विजयदान देथा
quote

”गिरस्तियां सारू तौ दुनिया अर जमारौ सुरग-नरक है। भरपूर धन अर सोनौ हाथ में व्है तौ संसार सुरग सूं ईं वत्तौ है अर तोटायला वास्तै नरक सूं ईं वत्तौ दुखदाई है।”

विजयदान देथा