प्रतिरोध पर कवितावां

आधुनिक कविता ने प्रतिरोध

को बुनियादी कर्तव्य की तरह बरता है। यह प्रतिरोध उस प्रत्येक प्रवृत्ति और स्थिति के विरुद्ध मुखर रहा है, जो मानव-जीवन और गरिमा की आदर्श स्थितियों और मूल्यों पर आघात करती हो। यहाँ प्रस्तुत है—प्रतिरोध विषयक कविताओं का एक व्यापक और विशिष्ट चयन।

कविता105

औ कुण आयो, औ कुण आयो?

आईदान सिंह भाटी

आजादी री जीत कठै है

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

आ जन कवि री जुग वांणी

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

संकल्प

बी एल पारस

नैनी कवितावां

ओंकार श्री

बीज नै उगणो पड़सी

भीम पांडिया

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

इंकलाब री आँधी

रेवतदान चारण कल्पित

म्हनै लिखणौ नीं आवै

पवन सिहाग 'अनाम'

कदर

भोगीलाल पाटीदार

पिण आगै आगै हालौ

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

मत देख, फाट्योड़ी पगरखी

चंद्रशेखर अरोड़ा

आज़ादी

पवन सिहाग 'अनाम'

जद तूटै अंबर सूं तारौ

रेवतदान चारण कल्पित

बगावत

रेवतदान चारण कल्पित

मांनी जता मिनख

चंद्रशेखर अरोड़ा

मत जा साथी

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

जात

उम्मेद गोठवाल

आग रा छांटा

त्रिभुवन

चोरी

पारस अरोड़ा

एकलो हाथ

भगवती लाल व्यास

बीघोड़ी

रेवतदान चारण कल्पित

अपरंच

सत्यप्रकाश जोशी

अडोळौ उच्छब

रेवतदान चारण कल्पित

खिलाफ

उम्मेद गोठवाल

रंगरूट

पवन सिहाग 'अनाम'

ऊंडी भखारियां

अर्जुन देव चारण

अजै जूझणो पड़सी

मोहम्मद सदीक

अहिंसा

चन्द्र प्रकाश देवल

जन जन रै मन हेत चाहीजै

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

कविता अेक फकीरी

आईदान सिंह भाटी

बांध पगां में घूघरा

त्रिलोक शर्मा

जिग्यां

उम्मेद गोठवाल

सिरोळी सांयत

चन्द्र प्रकाश देवल

मुट्ठी

गोरधन सिंह शेखावत

म्हैं अन्नदाता कोनी

रामस्वरूप किसान

जसमल : जन्ता

मणि मधुकर

गळती आपणीं

सिया चौधरी

जथारथ री छिब

चन्द्र प्रकाश देवल

उगायो भोर रो तारो

भीम पांडिया

कीकर है मां?

शंकरसिंह राजपुरोहित

आंमनौ

रेवतदान चारण कल्पित

सरनामू

भोगीलाल पाटीदार

इतिहास-पख

पारस अरोड़ा

स्याबास

गोरधन सिंह शेखावत

इण जुग रा इकबार

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'