प्रतिरोध पर कवितावां

आधुनिक कविता ने प्रतिरोध

को बुनियादी कर्तव्य की तरह बरता है। यह प्रतिरोध उस प्रत्येक प्रवृत्ति और स्थिति के विरुद्ध मुखर रहा है, जो मानव-जीवन और गरिमा की आदर्श स्थितियों और मूल्यों पर आघात करती हो। यहाँ प्रस्तुत है—प्रतिरोध विषयक कविताओं का एक व्यापक और विशिष्ट चयन।

कविता91

आजादी री जीत कठै है

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

नैनी कवितावां

ओंकार श्री

आ जन कवि री जुग वांणी

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

संकल्प

बी एल पारस

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

म्हनै लिखणौ नीं आवै

पवन सिहाग 'अनाम'

अडोळौ उच्छब

रेवतदान चारण कल्पित

बांध पगां में घूघरा

त्रिलोक शर्मा

जिग्यां

उम्मेद गोठवाल

सिरोळी सांयत

चन्द्र प्रकाश देवल

मुट्ठी

गोरधन सिंह शेखावत

इंकलाब री आँधी

रेवतदान चारण कल्पित

खिलाफ

उम्मेद गोठवाल

रंगरूट

पवन सिहाग 'अनाम'

ऊंडी भखारियां

अर्जुन देव चारण

अजै जूझणो पड़सी

मोहम्मद सदीक

अहिंसा

चन्द्र प्रकाश देवल

घणी खम्मां

मणि मधुकर

चिराळी री गूंज

चन्द्र प्रकाश देवल

बाकी हिसाब

पारस अरोड़ा

करां कांई

चन्द्र प्रकाश देवल

पौथी थारी

पवन सिहाग 'अनाम'

बहुवचन

चन्द्र प्रकाश देवल

बरसगांठ

रेवतदान चारण कल्पित

ओळबौ

चन्द्र प्रकाश देवल

कांई मिल्यो!

बी.एल.माली

वखत

गोरधन सिंह शेखावत

कीरत रा कमठाण

प्रकाशदान चारण

मिनख

अनिला राखेचा

भावी रौ भणकारौ

शंकरसिंह राजपुरोहित

अंधारै रा घाव

पारस अरोड़ा

मारग

उम्मेद गोठवाल

काळ

भगवान सैनी

सफदर हासमी री मौत

गोरधन सिंह शेखावत

चेतावणी

चैनसिंह परिहार

डर

उम्मेद गोठवाल

उडीक

पारस अरोड़ा

म्हां कीं नीं जांणां

चन्द्र प्रकाश देवल

लोकराज

रेवतदान चारण कल्पित

मसीन अर बापू

चन्द्र प्रकाश देवल

ठौड़

रमेश मयंक

रातिंदो

गोरधन सिंह शेखावत

बीह

चन्द्र प्रकाश देवल

नांवरासी

मणि मधुकर

मौसम री मार

पारस अरोड़ा

सुळ सुळियो

मोहम्मद सदीक

जुद्ध

गोरधन सिंह शेखावत