प्रतिरोध पर कवितावां

आधुनिक कविता ने प्रतिरोध

को बुनियादी कर्तव्य की तरह बरता है। यह प्रतिरोध उस प्रत्येक प्रवृत्ति और स्थिति के विरुद्ध मुखर रहा है, जो मानव-जीवन और गरिमा की आदर्श स्थितियों और मूल्यों पर आघात करती हो। यहाँ प्रस्तुत है—प्रतिरोध विषयक कविताओं का एक व्यापक और विशिष्ट चयन।

कविता89

आजादी री जीत कठै है

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

म्हनै लिखणौ नीं आवै

पवन सिहाग 'अनाम'

सूरमा

पवन सिहाग 'अनाम'

आ जन कवि री जुग वांणी

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

संकल्प

बी एल पारस

नैनी कवितावां

ओंकार श्री

सफदर हासमी री मौत

गोरधन सिंह शेखावत

चेतावणी

चैनसिंह परिहार

डर

उम्मेद गोठवाल

उडीक

पारस अरोड़ा

म्हां कीं नीं जांणां

चन्द्र प्रकाश देवल

लोकराज

रेवतदान चारण कल्पित

मसीन अर बापू

चन्द्र प्रकाश देवल

ठौड़

रमेश मयंक

रातिंदो

गोरधन सिंह शेखावत

बीह

चन्द्र प्रकाश देवल

नांवरासी

मणि मधुकर

मौसम री मार

पारस अरोड़ा

सुळ सुळियो

मोहम्मद सदीक

जुद्ध

गोरधन सिंह शेखावत

म्हैं अन्नदाता कोनी

रामस्वरूप किसान

जसमल : जन्ता

मणि मधुकर

गळती आपणीं

सिया चौधरी

जथारथ री छिब

चन्द्र प्रकाश देवल

कीकर है मां?

शंकरसिंह राजपुरोहित

सरनामू

भोगीलाल पाटीदार

इतिहास-पख

पारस अरोड़ा

स्याबास

गोरधन सिंह शेखावत

सिध-जोगी

मणि मधुकर

गारड़ी

मणि मधुकर

ओळूं में भासा

चन्द्र प्रकाश देवल

माठ झालौ

चन्द्र प्रकाश देवल

रोयां रुजगार मिळै कोनीं

रेवतदान चारण कल्पित

माटी थनै बोलणौ पड़सी

रेवतदान चारण कल्पित

दल्ला

उम्मेद गोठवाल

ऐवुस थ्यु वैगा

भविष्यदत्त ‘भविष्य’

मूंन रौ जलमणौ

चन्द्र प्रकाश देवल

अजै जैन स्यापौ हैं

उम्मेद गोठवाल

हक

रामकुमार भाम्भू

लाचारी

मणि मधुकर

हिसाब

पारस अरोड़ा

नरकवाड़ौ

मणि मधुकर

कांई करां हजूर!

चन्द्र प्रकाश देवल

आज़ादी

पवन सिहाग 'अनाम'

जद तूटै अंबर सूं तारौ

रेवतदान चारण कल्पित

मांनी जता मिनख

चंद्रशेखर अरोड़ा