चुणाव पर कवितावां

चुनाव (इलेक्शन) या निर्वाचन

प्रक्रिया लोकतंत्र का अहम अंग है। इसके गुण-दोष पर विचार आधुनिक बौद्धिक चिंतन में शामिल रहा है। कवि, जो एक प्रबुद्ध और सतर्क नागरिक है और अपने समय का द्रष्टा भी, इस चिंतन-मनन में योगदान करता रहा है।

कविता9

भविस

मणि मधुकर

जसमल : जन्ता

मणि मधुकर

सवाल -2

लालचन्द मानव

हूंणी

मणि मधुकर

म्हैं ई म्हैं

किशोर चतुर्वेदी

परचार

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

चुणाव रा दो दरसाव

विक्रमसिंह गून्दोज