आधी रातां बाबो आयो, बोल्यो बोल्यो बाडा में।

खेंखारो होळे सी करतो, बैठ्यो अंधारा में।

सुण'रे सूंड्या बात सांतरी, झूंत्यो छोरो जाती रो।

किसना आळो खेत मांडसी, बिन लगवाड़ां पांती रो।

बरस पांच बो बोले कोनी, अंगूठो लगवा लेस्यां।

बोट आपणां बीं ने देणो, मगन्या नै मनवा लेस्यां।

झूंठो झगड़ो छोड बावळा, पड़्यो कांई है राडां में।

आधी रातां बाबो आयो, बोल्यो बोल्यो बाड़ा में।...(१)

परभातां परभात्यो भिड़गो, जंगळ झाड़ी जाता नै।

मीठो मीठो मुळकण लाग्यो, जोड़ झटाझट हाथां नै।

बीड़ी पिवण बैठ भायलो, कुचरण लाग्यो काका नै।

अबकाळै आपांळी मोटर, इस्कूलां लगवा देसी।

तीस हजारी रिप्या रोकड़ा, घर बैठ्या पुगवा देसी।

तेल डलेवर सगळा खरचा, आपो आप उठा लेसी।

मोटर खा'तर लोन वोन बो, सगळा पास करा देसी।

'मीठो' म्हारो मीत लंगट्यो, ऊभो हुयो चुणावां में।

छांने मांने सिरका देस्यां, क्यूं उळझाळां राड़ां में।

आधी रातां बाबो आयो, बोल्यो बोल्यो बाड़ा में ।...(२)

दोपारां ढब्बूजी मिलगो, भारो ल्याता भाया नै।

खेजड़ली री छियां लेगो, देतो राम दुहायां नै।

सूंडाजी थै मिनख सांतरा, मत भरमीजो बोटां में

सगळा ही खेत उजाड़ू, मूं बळद ऐकलो झोटां में

दीन्या ने दो मीन्हां मं, फौजां मं भिजवा देस्यूं।

थांकी सोगन टक्को गांठ को, थांसू में कोनी लेस्यूं।

खेस्यो जको काम थारलो, मिनटां मं सळटा देस्यूं।

बगता आळा बाड़ा मं भी, पांती मं दिरवा देस्यूं।

बीस बोट री खींचाताणी, रात्यूं रात करा दीज्यो।

दारू मुरगा रिप्या रोकड़ा, मूंढ़े मांग्या ले लीज्यो।

बेटी का बापां हां भरल्यो, हाथ जावै कै झाड़ां में

आधी रातां बाबो आयो, बोल्यो बोल्यो बाड़ा में ।...(३)

सिंझ्या नै सांवरियो सीधो, भिड़गो म्हासूं मिंदरां में

आरतिया रो ओटो लेतो, करगो सैनां निजरां में

परकम्मां मं पगल्या पकड़्या, रोवण लाग्यो डुसक्यां में

अबकाळै पत म्हारी राखो, जीव अटकगो बोटां में

झूंठो झूंत्यो जग भरमावै, बुगलो भगत बण्यो देखो।

धरमादा रा पीसा मांगे, राखे कोनी बो लेखो।

सूंडा काका सांची खे'ऊं, पुजारी बणवा देस्यूं।

इण मिंदर मं घणो चढ़ावो, इक पेटी मिलवा देस्यूं।

मूं ट्रस्टी बण कारज सारूं, घर थांकै पुगवा देस्यूं।

चूं चपड़ कोई करसी तो, थाणा मं थरका देस्यूं।

बस अबकाळै बास गुवाड़ी, मं बातं पसरा देवो।

लाखीणो 'भावुक' आपांरो, बोट आपरा थै देवो।

इतरा मं गाडी गुड़ ज्यासी, राखो महर चुणावां में

आधी रातां बाबो आयो, बोल्यो बोल्यो बाड़ा में ।...(४)

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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