अपणायत पर कवितावां

मिनखीचारै सबद रै ओळै-दोळै

रौ ओ सबद आपरै मांयां एक आत्मिक रिस्तौ ले'न चालै जिणनै आपणौ लोक 'अपणायत'कैवै। अठै संकलित रचनावां अपणायत सूं जुड़ियोड़ी है।

कविता232

हेत प्रेम अपणायत में

श्रवण दान शून्य

आग

हरीश हैरी

पोती

हरीश हैरी

म्हैं सोचूं

वाज़िद हसन काजी

रिस्तां री बंधी

मनोज पुरोहित 'अनंत'

सबदां री खेती

मोनिका शर्मा

जमानो

निशान्त

परचार

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

खेजड़ो

तोगाराम गोदारा

इंदर धणख

सीमा भाटी

पिताजी

अंकिता पुरोहित

कांई थांको नांव

सतीश गोल्याण

धरम री बहन

देवीलाल महिया

जुड़बो

जितेन्द्र निर्मोही

नुवोपण

विनोद सोमानी 'हंस'

संवेदणा

दुष्यन्त जोशी

दीठ रो फरक

आरती छंगाणी

राजस्थान

सोनी सांवरमल

जंगळ सूं निकळ

मंगत बादल

अढाई आखरां रौ अभिमन्यु

शंकरसिंह राजपुरोहित

होसी थारी-म्हारी बातां

दशरथ कुमार सोलंकी

धोरां री धरती

शिवराज भारतीय

जद म्हूं न्हं रहैऊंगो

हेमन्त गुप्ता पंकज

बिलोवणो

पूनमचंद गोदारा

मां

अंकिता पुरोहित

परकत रा पूत

भंवरलाल सुथार

अैलान

सुधीर राखेचा

मा

मोनिका शर्मा

कुण सूरज री धूंणी तापै

गौरीशंकर ‘भावुक’

आंख्यां मांय हंसतौ गांव

गौरी शंकर निम्मीवाल

सुण टीटूड़ी —एक

पृथ्वीराज गुप्ता

अनंत जात्रा

कृष्ण बृहस्पति

डांखळा

शक्ति प्रकाश माथुर

रेत

प्रेम शर्मा

आज रौ मिनख

विनोद सोमानी 'हंस'

बस्ती रो बदळाव

शिवराज छंगाणी

पिछाण

सुनील कुमार

ओळंरी ओळ्यां

तेजसिंह जोधा

अैरण बूझै रै घण बीर नै

सत्यप्रकाश जोशी

वा पीळौड़ी परभात

नाथूसिंह इंदा

जड़

ओम अंकुर

पवितर प्रीत

नरेंद्र व्यास

टाबरपणैं री खोज

शिवराज भारतीय

कलार

अशोक जोशी ‘क्रांत’

अखबार

किशन ‘प्रणय’

रेत में सरजीवण आस

प्रेम शर्मा