अपणायत पर कवितावां

मिनखीचारै सबद रै ओळै-दोळै

रौ ओ सबद आपरै मांयां एक आत्मिक रिस्तौ ले'न चालै जिणनै आपणौ लोक 'अपणायत'कैवै। अठै संकलित रचनावां अपणायत सूं जुड़ियोड़ी है।

कविता332

आग

हरीश हैरी

हेत प्रेम अपणायत में

श्रवण दान शून्य

धरम री बहन

देवीलाल महिया

पोती

हरीश हैरी

सुतन्तर नागरिक

कमर मेवाड़ी

चिड़कली रा तीन सुवाल

अशोक परिहार 'उदय'

जातरा

सोनाली सुथार

उडीक

थानेश्वर शर्मा

कुदरत रौ मिनख

शंभुदान मेहडू

कठै सूं लावू?

सिया चौधरी

मणका

शैलेन्द्र उपाध्याय

मिनख रा चाळा

इन्द्रा व्यास

कविता

कैलाश मंडेला

बॉर्डर पार

चैन सिंह शेखावत

हेली-अेक

ताऊ शेखावटी

पगडांडी

नाथूसिंह इंदा

अबोट गैलो

वाज़िद हसन काजी

मन री ड्योढी

ज़ेबा रशीद

मा

संजय पुरोहित

एक टांग पर

मनमीत सोनी

अबोली छै आ ज़िंदगी

उगमसिंह राजपुरोहित 'दिलीप'

आसा सूं मुलाकात...

रामजीवण सारस्वत ‘जीवण’

एकलपो

थानेश्वर शर्मा

अरदास

प्रहलादराय पारीक

मियानी कुण देवे?

दूदसिंह काठात

लुगाई

थानेश्वर शर्मा

मानखो

संजू श्रीमाली

प्रीत रो अणहद नाद

मीनाक्षी आहुजा

परदेसी

सोनी सांवरमल

भाग रो सीर

देवीलाल महिया

अेक कहाणी

राकेश कमल मूथा

म्हैं रेत रो पंखेरू

कन्हैयालाल भाटी

पून

यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र'

बातां

अशोक परिहार 'उदय'

सैनिक

विजय गिरि गोस्वामी 'काव्यदीप'

सतमासिया सपना

कृष्ण बृहस्पति

हेली-दोय

ताऊ शेखावटी

दो भाव

कन्हैयालाल सेठिया

आवो आपां घूमां

दुष्यन्त जोशी

मनड़ै रो मारग

कृष्णा आचार्य

गौर

देवीलाल महिया

थारौ प्रीतम अळगौ हेली

अस्त अली खां मलकांण

माटी

देवीलाल महिया

गौळ गळा मं

विष्णु विश्वास

मानखै री बेल

श्रीमाली श्रीवल्लभ घोष

मां

कृष्ण कुमार 'आशु'

धूंईं

पूनमचंद गोदारा

सावळ कोनीं

राजेन्द्र बारहठ