अपणायत पर गीत

मिनखीचारै सबद रै ओळै-दोळै

रौ ओ सबद आपरै मांयां एक आत्मिक रिस्तौ ले'न चालै जिणनै आपणौ लोक 'अपणायत'कैवै। अठै संकलित रचनावां अपणायत सूं जुड़ियोड़ी है।

गीत17

हठीलो राजस्थान

सोनी सांवरमल

डूंगराँ पै बादळ्याँ

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

दौड़ दड़बड़ी

कल्याणसिंह राजावत

पातळ ताई पीथळ हो

ओमप्रकाश सरगरा 'अंकुर'

दयोराणी

सोनी सांवरमल

लूट माचगी

विनोद सोमानी 'हंस'

पपइयो बोलै रै

सोनी सांवरमल

दर्पण

कुलदीप पारीक 'दीप'

मिजमानी

अभिलाषा पारीक

गीत

आभा मेहता 'उर्मिल'

गीत

आभा मेहता 'उर्मिल'

मरूधर को मोट्यार

ओमप्रकाश सरगरा 'अंकुर'

पंखीड़ा

मनीषा आर्य सोनी

बैर कर्‌यां है हाण मानवी

संतोष शेखावत ‘बरड़वा’

धोळी बादळ

राम नारायण मीणा ‘हलधर’