चै'रौ पर कवितावां

चेहरा किसी व्यक्ति की

पहचान से संलग्न है और इस आशय में उसके पूरे अस्तित्व से जुड़ा प्रसंग है। भाषा ने चेहरे पर उठते-गिरते भावों के लिए मुहावरे गढ़े हैं। उसे आईना भी कहा गया है। इस चयन में चेहरे को प्रसंग बनातीं कविताएँ संकलित हैं।

कविता13

इयां कियां

राजूराम बिजारणियां

पाग

हरिमोहन सारस्वत 'रूंख'

सतरंगी काया

संजय आचार्य 'वरुण'

कोई बांचौ

रवि पुरोहित

काळूस

मोहन पुरी

रूपा बावळी

रामदयाल मेहरा

खेलकणां थोड़ी ई छै

हरिचरण अहरवाल 'निर्दोष'

मि. नाथ

सत्यप्रकाश जोशी

ऊजळी रात

रचना शेखावत

रोज बदळै चैरा

मनोज पुरोहित 'अनंत'

पूतळी

रति सक्सेना

म्हारी सूरत

मोहन पुरी