प्रेम पर कवितावां

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

कविता345

प्रेम री परिभाषा

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

गाम

यतीन्द्र पूनियां

आभै उतरी प्रीत

राजूराम बिजारणियां

गळगी- हेत

राजूराम बिजारणियां

याद

विजय राही

प्रग्या

चन्द्र प्रकाश देवल

चांनणी रात

रेवतदान चारण कल्पित

प्रेम

तेजस मुंगेरिया

सतिये नै सीख

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

धरती चुगगी

राजूराम बिजारणियां

पीव बैठा परदेस

रामाराम चौधरी

खेत-स्क्रैप

मोनिका गौड़

मायड़

महेंद्रसिंह छायण

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

प्रीत, छांट अर गड़ा

राजूराम बिजारणियां

प्रीत

चन्द्र प्रकाश देवल

थे कत्ली हो

राजूराम बिजारणियां

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

म्हारौ पियारो पीव

रामाराम चौधरी

मायड़ भासा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

सींव रा समाचार

राजूराम बिजारणियां

खेजड़ी अर तूं

आशाराम भार्गव

वो झुरै

अर्जुन देव चारण

मंगती कोनी

देवीलाल महिया

लगन बावळी

रामदयाल मेहरा

नैणां रा बोल

वाज़िद हसन काजी

पवितर प्रीत

नरेंद्र व्यास

रुखाळौ

मणि मधुकर

चिड़कली

तेजस मुंगेरिया

उपाय

कुमार अजय

प्रीत

लालचन्द मानव

अचूंभो

सोनाली सुथार

प्रेम

अनिल अबूझ

मीरां

नारायण सिंह भाटी

होळी

कौसर भुट्टो

छोरी

थानेश्वर शर्मा

रेत में सरजीवण आस

प्रेमलता सोनी

मैं गीत प्रीत रा गाऊं

कालूराम प्रजापति 'कमल'

मायत

पवन सिहाग 'अनाम'

अळगाव

मणि मधुकर

प्रीत

ओम पुरोहित ‘कागद’

सबद कोस

अर्जुन देव चारण

मां

श्यामसुन्दर टेलर