प्रेम पर कवितावां

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

कविता456

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

प्रेम री परिभाषा

सत्येंद्र चारण

बुगचौ

आईदान सिंह भाटी

प्रभात

पृथ्वीराज राठौड़

कठा सूं आवै है सबद

भगवती लाल व्यास

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

प्रेम री परीभाषा

सत्येंद्र चारण

म्हारौ पियारो पीव

रामाराम चौधरी

मायड़ भासा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

प्रग्या

चन्द्र प्रकाश देवल

म्हैं आवूंला जरूर

गोरधन सिंह शेखावत

आभै उतरी प्रीत

राजूराम बिजारणियां

याद

विजय राही

हेत प्रेम अपणायत में

श्रवण दान शून्य

थे कत्ली हो

राजूराम बिजारणियां

सींव रा समाचार

राजूराम बिजारणियां

दीठाव रै बेजा मांय

तेजसिंह जोधा

खेजड़ी अर तूं

आशाराम भार्गव

वो झुरै

अर्जुनदेव चारण

मंगती कोनी

देवीलाल महिया

थारी अर म्हारी बात

आईदान सिंह भाटी

गळगी- हेत

राजूराम बिजारणियां

इण तरै रा सून्याड़ में

भगवती लाल व्यास

प्रीत, छांट अर गड़ा

राजूराम बिजारणियां

प्रेम

तेजस मुंगेरिया

चांनणी रात

रेवतदान चारण कल्पित

म्हारी दीठ

अर्जुनदेव चारण

धरती चुगगी

राजूराम बिजारणियां

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

घरे आजा

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

मायड़

महेंद्रसिंह छायण

खेत-स्क्रैप

मोनिका गौड़

पीव बैठा परदेस

रामाराम चौधरी

प्रीत

चन्द्र प्रकाश देवल

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

प्रीत री आडी

मदन गोपाल लढ़ा

थूं जद

सुरेन्द्र सुन्दरम

प्रेम

विजयसिंह नाहटा

सुण म्हारा साथी

इन्द्र प्रकाश श्रीमाली

प्रीत

लालचन्द मानव

अचूंभो

सोनाली सुथार

प्रेम

अनिल अबूझ