प्रेम पर कवितावां

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

कविता500

प्रेम री परिभाषा

सत्येंद्र चारण

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

बुगचौ

आईदान सिंह भाटी

प्रभात

पृथ्वीराज राठौड़

प्रग्या

चन्द्र प्रकाश देवल

हेत प्रेम अपणायत में

श्रवण दान शून्य

याद

विजय राही

म्हैं आवूंला जरूर

गोरधन सिंह शेखावत

आभै उतरी प्रीत

राजूराम बिजारणियां

थे कत्ली हो

राजूराम बिजारणियां

कठा सूं आवै है सबद

भगवती लाल व्यास

प्रेम री परीभाषा

सत्येंद्र चारण

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

म्हारौ पियारो पीव

रामाराम चौधरी

मायड़ भासा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

आ बैठ बात करां - 1

रामस्वरूप किसान

सींव रा समाचार

राजूराम बिजारणियां

वो झुरै

अर्जुनदेव चारण

दीठाव रै बेजा मांय

तेजसिंह जोधा

खेजड़ी अर तूं

आशाराम भार्गव

प्रीत

चन्द्र प्रकाश देवल

प्रीत, छांट अर गड़ा

राजूराम बिजारणियां

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

मंगती कोनी

देवीलाल महिया

इण तरै रा सून्याड़ में

भगवती लाल व्यास

थारी अर म्हारी बात

आईदान सिंह भाटी

गळगी- हेत

राजूराम बिजारणियां

घरे आजा

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

पीव बैठा परदेस

रामाराम चौधरी

खेत-स्क्रैप

मोनिका गौड़

मायड़

महेंद्रसिंह छायण

चांनणी रात

रेवतदान चारण कल्पित

प्रेम

तेजस मुंगेरिया

धरती चुगगी

राजूराम बिजारणियां

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

म्हारी दीठ

अर्जुनदेव चारण

थारै गयां पछै

नीरज दइया

प्रीत पांण

दुलाराम सहारण

प्रीत पराई,पीठ पराई

मनीषा आर्य सोनी

महारी आस

सत्येंद्र चारण

दट कर इधकार दिराणो है

सुआसेवक कुलदीप चारण

ओळखांण

चन्द्र प्रकाश देवल

साम्हीं क्यूं नीं आवै

मधु आचार्य 'आशावादी'

पेड़

वासु आचार्य

पीव बसै परदेस

नंद भारद्वाज