प्रेम पर कवितावां

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

कविता406

प्रेम री परिभाषा

सत्येंद्र चारण

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

बुगचौ

आईदान सिंह भाटी

प्रभात

पृथ्वीराज राठौड़

प्रेम री परीभाषा

सत्येंद्र चारण

म्हारौ पियारो पीव

रामाराम चौधरी

मायड़ भासा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

याद

विजय राही

हेत प्रेम अपणायत में

श्रवण दान शून्य

आभै उतरी प्रीत

राजूराम बिजारणियां

म्हैं आवूंला जरूर

गोरधन सिंह शेखावत

प्रग्या

चन्द्र प्रकाश देवल

सींव रा समाचार

राजूराम बिजारणियां

खेजड़ी अर तूं

आशाराम भार्गव

वो झुरै

अर्जुन देव चारण

थे कत्ली हो

राजूराम बिजारणियां

मायड़

महेंद्रसिंह छायण

खेत-स्क्रैप

मोनिका गौड़

पीव बैठा परदेस

रामाराम चौधरी

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

घरे आजा

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

गळगी- हेत

राजूराम बिजारणियां

मंगती कोनी

देवीलाल महिया

थारी अर म्हारी बात

आईदान सिंह भाटी

चांनणी रात

रेवतदान चारण कल्पित

धरती चुगगी

राजूराम बिजारणियां

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

प्रेम

तेजस मुंगेरिया

म्हारी दीठ

अर्जुन देव चारण

प्रीत

चन्द्र प्रकाश देवल

प्रीत, छांट अर गड़ा

राजूराम बिजारणियां

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

थार मैं रातां

सुनील कुमार लोहमरोड़ ‘सोनू’

पड़ूत्तर

रचना शेखावत

हेजळा आखर

चन्द्र प्रकाश देवल

घाव

मणि मधुकर

अब की बरस जाड़ा मं

प्रीतिमा ‘पुलक’

मून धार्‌यां बैठी रैयी बा

गौरीशंकर निमिवाळ

संगठन री सगती

भगवान सैनी

अणजाण

सोनाली सुथार

ओळयूं

गौरीशंकर निमिवाळ

मरद-लुगाई

सत्यप्रकाश जोशी

मारूणी

आभा माथुर

पीळांण

खेतदान