प्रेम पर कवितावां

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

कविता348

प्रेम री परिभाषा

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

चांनणी रात

रेवतदान चारण कल्पित

प्रेम

तेजस मुंगेरिया

सतिये नै सीख

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

धरती चुगगी

राजूराम बिजारणियां

गाम

यतीन्द्र पूनियां

आभै उतरी प्रीत

राजूराम बिजारणियां

गळगी- हेत

राजूराम बिजारणियां

याद

विजय राही

प्रग्या

चन्द्र प्रकाश देवल

मायड़

महेंद्रसिंह छायण

पीव बैठा परदेस

रामाराम चौधरी

खेत-स्क्रैप

मोनिका गौड़

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

प्रीत, छांट अर गड़ा

राजूराम बिजारणियां

प्रीत

चन्द्र प्रकाश देवल

थे कत्ली हो

राजूराम बिजारणियां

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

म्हारौ पियारो पीव

रामाराम चौधरी

मायड़ भासा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

मंगती कोनी

देवीलाल महिया

सींव रा समाचार

राजूराम बिजारणियां

खेजड़ी अर तूं

आशाराम भार्गव

वो झुरै

अर्जुन देव चारण

प्रभात

पृथ्वीराज राठौड़

जथाजोग

मणि मधुकर

म्हारै सूं नीं होवैला

संजय आचार्य 'वरुण'

हूक री कूक

मोहम्मद सदीक

चांद सैलाणी

प्रेमलता जैन

रेत रो हेत

आशीष पुरोहित

म्हैं बांवळी

बसन्ती पंवार

मां री मैमा

निर्मला राठौड़

पीळांण

खेतदान

थां कद आवौला विदेस सूं

छगनराज राव 'दीप'

सपनै री सीव माथै बाड़

चन्द्र प्रकाश देवल

नित-नेम

हरीश भादानी

पाड़ोसण

मणि मधुकर

धणक

खेतदान

थार मैं रातां

सुनील कुमार लोहमरोड़ ‘सोनू’

पड़ूत्तर

रचना शेखावत

हेजळा आखर

चन्द्र प्रकाश देवल

घाव

मणि मधुकर

अब की बरस जाड़ा मं

प्रीतिमा ‘पुलक’

मून धार्‌यां बैठी रैयी बा

गौरी शंकर निम्मीवाल

संगठन री सगती

भगवान सैनी

अणजाण

सोनाली सुथार