प्रेम पर कवितावां

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

कविता354

प्रेम री परिभाषा

सत्येंद्र चारण

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

याद

विजय राही

प्रग्या

चन्द्र प्रकाश देवल

हेत प्रेम अपणायत में

श्रवण दान शून्य

आभै उतरी प्रीत

राजूराम बिजारणियां

म्हैं आवूंला जरूर

गोरधन सिंह शेखावत

गळगी- हेत

राजूराम बिजारणियां

चांनणी रात

रेवतदान चारण कल्पित

प्रेम

तेजस मुंगेरिया

सतिये नै सीख

सत्येंद्र चारण

भैण-भाई

यतीन्द्र पूनियां

धरती चुगगी

राजूराम बिजारणियां

मायड़

महेंद्रसिंह छायण

खेत-स्क्रैप

मोनिका गौड़

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

पीव बैठा परदेस

रामाराम चौधरी

प्रीत

चन्द्र प्रकाश देवल

प्रीत, छांट अर गड़ा

राजूराम बिजारणियां

धरती काती प्रीत

राजूराम बिजारणियां

म्हारौ पियारो पीव

रामाराम चौधरी

मायड़ भासा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

मंगती कोनी

देवीलाल महिया

सींव रा समाचार

राजूराम बिजारणियां

प्रभात

पृथ्वीराज राठौड़

वो झुरै

अर्जुन देव चारण

खेजड़ी अर तूं

आशाराम भार्गव

थे कत्ली हो

राजूराम बिजारणियां

प्रीत

लालचन्द मानव

अचूंभो

सोनाली सुथार

प्रेम

अनिल अबूझ

मीरां

नारायण सिंह भाटी

होळी

कौसर भुट्टो

छोरी

थानेश्वर शर्मा

रेत में सरजीवण आस

प्रेमलता सोनी

जग चावौ मरुधरियौ

अमर सिंह राजपुरोहित

उबारै उण याद रै

मालचंद तिवाड़ी

प्रेम दिन

यूसुफ खान साहिल

लोप व्हैण नै ताखड़ौ

चन्द्र प्रकाश देवल

मा

भारती पुरोहित

उणरी हामी सूं

पद्मजा शर्मा

अंधारी

चंद्रशेखर अरोड़ा

प्रीत पांण

दुलाराम सहारण

प्रीत पराई,पीठ पराई

मनीषा आर्य सोनी

दट कर इधकार दिराणो है

सुआसेवक कुलदीप चारण