प्रेम पर लोकगीत

प्रेम जूण जीवण रौ आधार

है। राजस्थानी प्रेमाख्यान अर पूरी साहित्यिक जातरा में इणरा फूठरा अर सिणगार्‌योड़ा दाखला आपां पढ़ां‌‌‌‌। अठै संकलित रचनावां प्रेम विसै रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है‌।

लोकगीत31

काचर

लोक परंपरा

सूवौ

लोक परंपरा

जल्ला

लोक परंपरा

पुनमल

लोक परंपरा

ऊंदरौ

लोक परंपरा

फेरा

लोक परंपरा

कोडयाळ जुवार

लोक परंपरा

पाळ

लोक परंपरा

केसरिया बालम

लोक परंपरा

कलाळी

लोक परंपरा

कैर री हूंस

लोक परंपरा

बुगलौ

लोक परंपरा

केसर बन्ना

लोक परंपरा

बालो चाल्यो ए

लोक परंपरा

कीड़ी

लोक परंपरा

राम भजौ

लोक परंपरा

बोर री हूंस

लोक परंपरा

जीरो

लोक परंपरा

राधा भजन

लोक परंपरा

कुरजां

लोक परंपरा

हळदी

लोक परंपरा