ईसकौ पर कवितावां

ईर्ष्या दूसरों की उन्नति,

सुख या वैभव से उभरने वाला मानसिक कष्ट है। इसका संबंध मानवीय मनोवृत्ति से है और काव्य में सहज रूप से इसकी प्रवृत्तियों और परिणामों की अभिव्यक्ति होती रही है।

कविता5

हूं इण गीतां नैं सुणतो रयो

व्लादिमिर किरीलोव

जीवण

अवन्तिका तूनवाल

मायड़ भासा

रामकुमार भाम्भू

बुणगट

भगवती लाल व्यास