प्रथाएं
मध्यकालीन राजस्थान में सामाजिक जीवन की परंपराओं के रूप में कुछेक ऐसी प्रथाएं प्रचलित थी जिन्हें सामाजिक बुराइयां माना जा सकता है। बाद में पुनर्जागरण के समय इन प्रथाओं पर अंकुश लगा। इनमें से कई प्रथाओं को देश के आजाद होने के बाद कानूनन प्रतिबंधित किया