हवा पर कवितावां

समीर को पंचतत्त्व या

पंचमहाभूत में से एक माना गया है। इसका विशिष्ट गुण स्पर्श कहा गया है। प्रस्तुत चयन में हवा को विषय बनाती अथवा हवा के प्रसंग का उपयोग करती कविताओं को शामिल किया गया है।

कविता14

नवी हवा

हरीश बी. शर्मा

राड़ री जड़ बाड़

ओम पुरोहित ‘कागद’

हवा

अम्बिका दत्त

अणगिणत (31)

सुंदर पारख

हाइकू

शिव शर्मा 'विश्वासु'

किनको

घनश्याम नाथ कच्छावा

यादां

कैलाश मंडेला

न्हँ आयो

अम्बिका दत्त

म्हैं

सन्तोष मायामोहन

तिरस

भगवती लाल व्यास

म्हारा हिस्सा को अहसास

हरिचरण अहरवाल 'निर्दोष'

अभेद-भेद

कन्हैयालाल सेठिया