फड़
राजस्थानी लोकनाट्यों में फड़ अथवा पड़ काफी लोकप्रिय है। यह वस्तुत: चित्रांकन आधारित लोकनाट्य है। माना जाता है कि भाषा का आरंभिक स्वरूप चित्रात्मक था और चित्र उकेरकर संवाद प्रेषण एवं भावाभिव्यक्ति की जाती थी। सबसे पहले वृक्ष की छाल, उसके बाद के ऋग्वेद