विश्वास पर कवितावां

बाथां में भूगोल लियां

मिनखां अर जीवां नै भरोसे माथै बड़ो भरोसो है। भरोसे माथै भीड़ भागै अर भरोसो ई जीव रौ आधार है। अठै प्रस्तुत रचना-संग्रै भरोसे नै लेय'र रचियोड़ो है।

कविता257

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

चंवरी

मेघराज मुकुल

स्वाद

आईदान सिंह भाटी

अेकला बळै

आशीष बिहानी

पतियारौ

गजेसिंह राजपुरोहित

धोरै री ढाळ माथै भासा

आईदान सिंह भाटी

म्हूं के बोलूं

अखिलेश्वर

म्हारी उमर

रामाराम चौधरी

डंकै री चोट

जयनारायण व्यास

व्हां

किशन ‘प्रणय’

रूंखां में भगवान

अमर सिंह राजपुरोहित

घर

सुधीर राखेचा

वो तोड़ै है

भगवती लाल व्यास

मनख-बावळो

प्रीतिमा ‘पुलक’

भादवै रो मेह

कृष्ण बृहस्पति

ऊँचे अडाण माथै

रतन सिंह चांपावत

मिलण

पूजाश्री

जूनी बातां रा जूना ऐहनाण

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

पांच माथा चाईजै

गौरीशंकर निमिवाळ

झूठौ बणज

प्रेमजी ‘प्रेम’

मां अर बगसो

किरण बाला 'किरन'

उठाया दोनूं हाथ

प्रियंका भट्ट

जागती-जोत

बुद्धरंजन शर्मा

घर

प्रवीण सुथार

म्हूं लिखूंला

रामकुमार भाम्भू

सूखी नदी

रमेश मयंक

बदलो

हरदान हर्ष

भरोसो

अनिल अबूझ

दीठ रो फरक

आरती छंगाणी

किरसो

संजू श्रीमाली

चांद रो चितराम

चैन सिंह शेखावत

भणाई रो बळ

जेठानंद पंवार

भींत

महेंद्र मोदी

कदमताळ

गोरधन सिंह शेखावत

बस! इत्तो ई चावै नारी

मीनाक्षी पारीक

होसी थारी-म्हारी बातां

दशरथ कुमार सोलंकी

व कुण है

चंद्रशेखर अरोड़ा

अंध विश्वास रो अन्त

रतना ‘राहगीर’

प्रीत

गोरधन सिंह शेखावत

लुगाई रौ आपौ

सावित्री डागा

रूंख साख भरै

राजेश कुमार व्यास

खेत में द्‌यो हलकारो

बुद्धरंजन शर्मा

म्हारो भोळो जीवड़ो

प्रेमजी ‘प्रेम’

मन रौ बोझ

कल्याणसिंह राजावत

दोगला

शिवराज भारतीय

खिज्योड़ी मा

मोनिका शर्मा