विश्वास पर कवितावां

बाथां में भूगोल लियां

मिनखां अर जीवां नै भरोसे माथै बड़ो भरोसो है। भरोसे माथै भीड़ भागै अर भरोसो ई जीव रौ आधार है। अठै प्रस्तुत रचना-संग्रै भरोसे नै लेय'र रचियोड़ो है।

कविता307

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

चंवरी

मेघराज मुकुल

स्वाद

आईदान सिंह भाटी

अेकला बळै

आशीष बिहानी

धोरै री ढाळ माथै भासा

आईदान सिंह भाटी

म्हूं के बोलूं

अखिलेश्वर

पतियारौ

गजेसिंह राजपुरोहित

घर

प्रवीण सुथार

व्हां

किशन ‘प्रणय’

म्हारी उमर

रामाराम चौधरी

डंकै री चोट

जयनारायण व्यास

रूंखां में भगवान

अमर सिंह राजपुरोहित

म्हूं लिखूंला

रामकुमार भाम्भू

सूखी नदी

रमेश मयंक

बदलो

हरदान हर्ष

भरोसो

अनिल अबूझ

झूठौ बणज

प्रेमजी ‘प्रेम’

मां अर बगसो

किरण बाला 'किरन'

उठाया दोनूं हाथ

प्रियंका भट्ट

परकत इच्छा

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

जागती-जोत

बुद्धरंजन शर्मा

घर

सुधीर राखेचा

वो तोड़ै है

भगवती लाल व्यास

मनख-बावळो

प्रीतिमा ‘पुलक’

भादवै रो मेह

कृष्ण बृहस्पति

ऊँचे अडाण माथै

रतन सिंह चांपावत

मिलण

पूजाश्री

जूनी बातां रा जूना ऐहनाण

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

पांच माथा चाईजै

गौरीशंकर निमिवाळ

प्रीत

गोरधन सिंह शेखावत

लुगाई रौ आपौ

सावित्री डागा

रूंख साख भरै

राजेश कुमार व्यास

सूरज नै ढूंढ़ो

भानसिंह शेखावत ‘मरूधर’

खेत में द्‌यो हलकारो

बुद्धरंजन शर्मा

म्हारो भोळो जीवड़ो

प्रेमजी ‘प्रेम’

मन रौ बोझ

कल्याणसिंह राजावत

दोगला

शिवराज भारतीय

खिज्योड़ी मा

मोनिका शर्मा

कुण जाणे

कैलाश मंडेला

काल पछै सुख होसी

मेघराज मुकुल

प्रेम

अनिल अबूझ

रैयो नीं पतियारौ

सुधा सारस्वत

गांधी बाबौ

राजेन्द्र बारहठ

सांझ दौड़ती आवै

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

जाजम

प्रहलाद कुमावत 'चंचल'

धमाको

नगेन्द्र नारायण किराडू

दुख रो दुख

इन्द्रा व्यास