विश्वास पर कवितावां

बाथां में भूगोल लियां

मिनखां अर जीवां नै भरोसे माथै बड़ो भरोसो है। भरोसे माथै भीड़ भागै अर भरोसो ई जीव रौ आधार है। अठै प्रस्तुत रचना-संग्रै भरोसे नै लेय'र रचियोड़ो है।

कविता201

अेकला बळै

आशीष बिहानी

डंकै री चोट

जयनारायण व्यास

व्हां

किशन ‘प्रणय’

रूंखां में भगवान

अमर सिंह राजपुरोहित

भडूकणो (गुब्बारो)

देवीलाल महिया

जंगळी

अशोक परिहार 'उदय'

सुवारथ

दीपचन्द सुथार

अखण्डता रो दिवलो

रामनिरंजन सरमा ‘ठिमाऊ’

परीत

थानेश्वर शर्मा

बागोळ

राधेश्याम मेवाड़ी

आस्था

सांवर दइया

रचाव

राजूराम बिजारणियां

विस्वास है

पारस अरोड़ा

चांद सैलाणी

प्रेमलता जैन

सहीद री व्यथा

फारूक़ आफरीदी

बाळपणों

अजय कुमार सोनी

ओळखाण

इरशाद अज़ीज़

राजपूत रो डावड़ो

रावत सारस्वत

बादळी

महेन्द्र यादव

घूँघट

ओम बटाऊ

गांव में

मनमीत सोनी

बात री सरुआत

पारस अरोड़ा

पड़दै रै लारै

आत्माराम

चेतौ

सुमन बिस्सा

पग मंडणा

रेवतदान कल्पित

ओळ्यूं

बंशीलाल सोलंकी

थारी आ कुचरणी

प्रहलादराय पारीक

विश्वसुन्दरी रै मिस

अन्नाराम ‘सुदामा'

खामचाई

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

गोविन्द गरू रा टाबरिया

गिरधारी सिंह पड़िहार

भटकाया

मुखराम माकड़ ‘माहिर’

अणकही

सोनाली सुथार

ओळ्यां अर आंधी

संजय पुरोहित

भरोसौ

सत्यप्रकाश जोशी

धरती धंस जावै

पूजाश्री

रिवाज री बुगची

सुमन पड़िहार

बसंत

भगवती लाल व्यास

संकरांत

कृष्णगोपाल शर्मा

राजहंसां रो देसूंटो

सुमेरसिंह शेखावत

संसद सूं बारै

राजेन्द्र सिंह चारण

बाबो

भगवान सैनी

दाता नीं हुवै काठा

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

लावौ दौ माचिस

पारस अरोड़ा

फगत म्हैं अेकलो

इरशाद अज़ीज़

बादळी

चतुर कोठारी