विश्वास पर कवितावां

बाथां में भूगोल लियां

मिनखां अर जीवां नै भरोसे माथै बड़ो भरोसो है। भरोसे माथै भीड़ भागै अर भरोसो ई जीव रौ आधार है। अठै प्रस्तुत रचना-संग्रै भरोसे नै लेय'र रचियोड़ो है।

कविता225

प्रीत मंडाण

सुरेश कुमार डूडी

अेकला बळै

आशीष बिहानी

व्हां

किशन ‘प्रणय’

डंकै री चोट

जयनारायण व्यास

रूंखां में भगवान

अमर सिंह राजपुरोहित

म्हारी उमर

रामाराम चौधरी

पतियारौ

गजेसिंह राजपुरोहित

गांव में

मनमीत सोनी

बात री सरुआत

पारस अरोड़ा

सांच अर झूठ

चैन सिंह शेखावत

पड़दै रै लारै

आत्माराम

चेतौ

सुमन बिस्सा

पग मंडणा

रेवतदान चारण कल्पित

ओळ्यूं

बंशीलाल सोलंकी

थारी आ कुचरणी

प्रहलादराय पारीक

विश्वसुन्दरी रै मिस

अन्नाराम ‘सुदामा'

खामचाई

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

गोविन्द गरू रा टाबरिया

गिरधारी सिंह पड़िहार

भटकाया

मुखराम माकड़ ‘माहिर’

अणकही

सोनाली सुथार

ओळ्यां अर आंधी

संजय पुरोहित

हेत री गंगा

जेठानंद पंवार

भरोसौ

सत्यप्रकाश जोशी

धरती धंस जावै

पूजाश्री

रिवाज री बुगची

सुमन पड़िहार

बसंत

भगवती लाल व्यास

दूब

सीमा पारीक

भरोसो

सीमा पारीक

नादाधींन जगत

राजेश कुमार व्यास

सड़क

सीमा पारीक

अेक बीजै सूं

कमल रंगा

रूपा बावळी

रामदयाल मेहरा

चिड़कली

कुमार अजय

म्हारा छैल

रामदयाल मेहरा

रुखाळो

रतना ‘राहगीर’

चुप

प्रदीप भट्ट

आव अभिमन्यु आज रा

राजेन्द्र बोहरा

कविता सूं आगै

सांवर दइया

परीत

थानेश्वर शर्मा

बागोळ

राधेश्याम मेवाड़ी

आस्था

सांवर दइया

रचाव

राजूराम बिजारणियां

विस्वास है

पारस अरोड़ा

चांद सैलाणी

प्रेमलता जैन