विश्वास पर ग़ज़ल

बाथां में भूगोल लियां

मिनखां अर जीवां नै भरोसे माथै बड़ो भरोसो है। भरोसे माथै भीड़ भागै अर भरोसो ई जीव रौ आधार है। अठै प्रस्तुत रचना-संग्रै भरोसे नै लेय'र रचियोड़ो है।

ग़ज़ल12

दया ऊंकी बणी है तो

बुद्धिप्रकाश पारीक

तकदीरां री बातां अै

अशोक जोशी ‘क्रांत’

हूणिया

हरीश भादानी

आखर रै ओळै दोळै

रतन सिंह चांपावत

प्रीत मनड़ै में जगा

अब्दुल समद ‘राही’

होसी पूरी आस भायला

गोकुल खिड़िया

थाळी-थाळी निपटगी खीर

अशोक जोशी ‘क्रांत’