संघर्ष पर कवितावां

कविता262

औ कुण आयो, औ कुण आयो?

आईदान सिंह भाटी

बुगचौ

आईदान सिंह भाटी

स्वाद

आईदान सिंह भाटी

आजादी री जीत कठै है

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

शमसाँण री कणेर

भगवती लाल व्यास

ल्यौ सारौ आकास संभाळौ

कल्याणसिंह राजावत

थूं कद जीवती ही मां

अर्जुनदेव चारण

दीवट

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

सबदां री हद रै मांय

आईदान सिंह भाटी

मजूर रौ दिन

अर्जुनदेव चारण

कवि अर कविता

भगवती लाल व्यास

म्हारी कविता

आईदान सिंह भाटी

घणी खम्मां

मणि मधुकर

म्हैं सोचूं हूं

किशोर कल्पनाकान्त

हिवड़ै रे बौपार में

कल्याणसिंह राजावत

के नांव द्यूं?

रामस्वरूप ‘परेश’

इकडंकी मारग

चन्द्र प्रकाश देवल

म्हारा बैराग

तेजस मुंगेरिया

गाडिया लुहार

गोरधन सिंह शेखावत

कविता अेक फकीरी

आईदान सिंह भाटी

कवी

रेम्को कैंपर्ट

राजस्थानी

रेवतदान चारण कल्पित

किणनै उडीकां हां

अर्जुनदेव चारण

म्हूँ अछूत

मुकुट मणिराज

पांणत

रेवतदान चारण कल्पित

माड़ूराम

जनकराज पारीक

ओळखाण

किशोर कल्पनाकान्त

दो भांत

ओलेग दमीत्रियेव

पाग अर पीठ

हरदान हर्ष

कुरसी मिनखां नै खावै छै

बुद्धिप्रकाश पारीक

कतनी बार मरूं

रघुराजसिंह हाड़ा

ओ कुण

मोहम्मद सदीक

बगत री नदी

इरशाद अज़ीज़

कंपोजिटर

पारस अरोड़ा

ओलख

सेसिलिया मीरेल्स

गांधी नै चितारतां

अर्जुनदेव चारण

होकड़ा उतार

मोहम्मद सदीक

जागण रौ गीत

सत्यप्रकाश जोशी

समाध

सत्यप्रकाश जोशी

घणौ दोरो हुवै

मान कँवर ‘मैना’

जतन

ओमप्रकाश गर्ग 'मधुप'

म्हारो भोळो जीवड़ो

प्रेमजी ‘प्रेम’

खाथो चाल रे

हरीश भादानी

गढ़ बोल्यो

गोरधन सिंह शेखावत

लेनिन

वेलेरी बर्‌यूजोव

म्हारो सासरियो

प्रेमजी ‘प्रेम’