दुख पर कवितावां

कविता169

अबूलेंस

देवीलाल महिया

बंटवारो

भगवती लाल व्यास

बीज नै उगणो पड़सी

भीम पांडिया

सबदां री हद रै मांय

आईदान सिंह भाटी

मून मारै चिरळाटी

आनंद पुरोहित 'मस्ताना'

करां कांई

चन्द्र प्रकाश देवल

बेम्मार

मणि मधुकर

पीपळी

गौरीशंकर निमिवाळ

वो भेजै थनै

अर्जुनदेव चारण

उडीक

पारस अरोड़ा

अथड़ातु मन

भोगीलाल पाटीदार

दरद

रमेश मयंक

दुख

अर्जुनदेव चारण

चिड़कली

अशोक परिहार 'उदय'

पारधी

पूनमचंद गोदारा

सीता

अर्जुनदेव चारण

स्सै फळसा मोन

मोहन आलोक

हूक री कूक

मोहम्मद सदीक

ओळूं आसी

संदीप 'निर्भय'

रसोई

कमल किशोर पिपलवा

काल अर आज

ज़ेबा रशीद

बाड़

देवीलाल महिया

सौ सुनार री

कैलाश मंडेला

रळकायोड़ा मोती

मेघराज मुकुल

नैड़ास

प्यारा सिंह सहराई

जिन्दगी

रामस्वरूप ‘परेश’

दरद

पुनीत कुमार रंगा

थारो आणो

सतीश छिम्पा

म्हारो दरद

चन्द्रकान्ता शर्मा

बगत री बात

ज़ेबा रशीद

म्हारो घर

पुनीत कुमार रंगा

म्हारी जग्या राख'र देख

श्याम निर्मोही

कोढियो काळ

रामनिवास सोनी

पनजी मारू

गोरधन सिंह शेखावत

तड़फता दोय जीव

देवीलाल महिया

अेकली

मणि मधुकर

कदास

कमल सिंह सुल्ताना

बारै कठै लाधै?

भारती कविया

मथारौ

नाथूसिंह इंदा

कविता री मौत

पूर्ण शर्मा ‘पूरण’

बहुवचन

चन्द्र प्रकाश देवल

अेक ठहर्‌योड़ी दोपरी

गोरधन सिंह शेखावत