से सराबोर पद, सबद और कुंडलियों का एक विशिष्ट चयन।
सरूपोत में सरसरी निजरां सूं देखण में वो सादौ मिनख इज लागतौ हौ। उणनैं पांच पांवडा आंतरै सूं देखण में ई वो मिनख इज लागतौ हौ। लागतौ कांई, वो तौ साचांणी मिनख इज हौ। कोई कांकड़ रौ जिनावर थोड़ी हौ? पण हां, उण नैं कोई नजदीक नख सूं लेय’र चोटी सुदी घूर’र देखता
आज पंडतजी का छोटा बेटा को बी सगपण होग्यौ। ब्याई सौ बीघा नहरी जमीं को धणी। दो बेटा अर दो बेट्यां पाछै या अेक बेटी ओर बची छी। जीं की बात ले’र पंडतजी कै बारणै आंण हाकौ पाड़्यौ। पंडतजी को बेटौ अब मांग्या सूं मांगीलाल बणग्यौ छौ। सरकारी मदरसा में चपड़ासी