जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
Quick Links
जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
निर्गुण भक्ति काव्य पर पद
दूहा
पद
त्रिभंगी छंद
सबद
कवित्त
अरिल्ल छंद
संवैया छंद
चौपाई
छप्पय
साखी
गीत
कुण्डळियौ छंद
लोकगीत
सोरठा
रमैणी
डिंगल गीत
कविता
निसाणीं छंद
छंद
पद
59
निराकार नहिं ना आकार
संत चरणदास
साधो ऐसी खेती करिये
संत दरियाव जी
अवधू अैसा खेल बिचारी
संत हरदास
रे मन सूर समै क्यूं भागै
रज्जब जी
दिलदार मेरे सइयाँ
आत्माराम 'रामस्नेही संत'
सुख सागर के मांहि
मोहनदास जी
ऐसे नहीं धीजिए
आत्माराम 'रामस्नेही संत'
मन वाणी अकल आणी बुधि वाणी तार
स्वामी देवादास जी
निसदिन तुम ही तुम कुं सिंवरूं
संत मूलदास जी
बाजीगर बाजी रची
हरिदास निरंजनी
संतौ बसुधा बिरिछ समाई
रज्जब जी
साधो भाई ऐसा मेरै गुरुजी का सरणा
संत मूलदास जी
साधो एक अचम्भा दीठा
संत दरियाव जी
संतो लखन बिहूंनी नारी
सुंदरदास जी
भेख बणायो गरज
मोहनदास जी
भगति भावै राम भगति भावै
रज्जब जी
जीव बटाउ रे बहतो भाई मारग माहिं
संत दरियाव जी
पति की ओर निहारिये
संत चरणदास
जागौ रे! अब नींद न कीजै
हरिदास निरंजनी
खड़ी टोपी मै
मोहनदास जी
संतौ आवै जाइ सु माया।
रज्जब जी
एक पिंजरा ऐसा आया
सुंदरदास जी
जाके उर उपजी नहिं भाई
संत दरियाव जी
संतौ भेष भरम कछु नाहीं
रज्जब जी
दिलदार मेरे प्यारे
आत्माराम 'रामस्नेही संत'
धन धरती मै धरै
मोहनदास जी
संतो! राम रजा मैं रहिये
हरिदास निरंजनी
पलक माहिं मर जाणा प्राणी
चेतनदास
अब मोहिं नाचत राखहु नाथ
रज्जब जी
कोई पिवै राम रस प्यासा रे
सुंदरदास जी
जुगत बिन सतरंज जीत न जानी
ऊमरदान लालस
अवधू कउवा तैं सर नासै
संत हरदास
संतौ आई बात बिगोवै
संत हरदास
मोहन बासी उस देस का
मोहनदास जी
जांकै रूप न रेख बरण नहीं भेष है
मोहनदास जी
सतगुर सौं जो चाहि
रज्जब जी
दरसन सांच जु सांई दीया
रज्जब जी
संतौ अद्भुत खेल अगाधा
रज्जब जी
हे भईया मेरो मोहन संगड़ो न छाड़ै
संत मूलदास जी
पहले दुख पीछे सुख होइ
रज्जब जी
हरि की कथा सुणि रे क्रमहीणा
संत हरदास
साधो भाई देवल की छिब भारी
संत मूलदास जी
पहर गले में गुदड़ी
मोहनदास जी
गोबिंद दरसण पल पल पाऊं
संत मूलदास जी
चौरासी में दुख घणौ
संत मूलदास जी
अवधू सूतां कौ धन छीजै रै
संत हरदास
अवधू सब सुख की निधि पाई
संत हरदास
साधैं भूख मास उपवासी
परसजी खाती
मीठा बोलो निंव खिंव चालो
समसदीन
राम बिन भाव करम नहिं छूटै
संत दरियाव जी
1
2
Next
»
Go to:
1
2