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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
निर्गुण भक्ति काव्य पर अरिल्ल छंद
दूहा
पद
अरिल्ल छंद
कवित्त
चौपाई
छप्पय
सबद
गीत
कुण्डळियौ छंद
संवैया छंद
सोरठा
कविता
निसाणीं छंद
अरिल्ल छंद
15
चटक चांदणी रात बिछाया ढोलिया
वाजिद
वजै नगारा भेर
संत मूलदास जी
सगै सैण हित हेत
संत मूलदास जी
कारीगर कर्तार क हून्दर हद किया
वाजिद
राम नाम की लूट फबी है जीव कूं
वाजिद
सूर कमल वाजिंद न सुपने मेल है
वाजिद
मोर करत अति सोर चमकि रही बिजरी
वाजिद
आवेंगे किहि काम पराई पौर के
वाजिद
पाहन पढ़ गई रेख रातदिन धोवहीं
वाजिद
हरिजन बैठा होय तहां चल जाइये
वाजिद
साधां सेती नेह लगे तो लाइये
वाजिद
एक राम को नाम लिजिये नित्त रे
वाजिद
दो दो दीपक जोय सु मंदिर पोढ़ते
वाजिद
कहा करे उपदेश अज्ञानी जीव कूं
वाजिद
कहियो जाय सलाम हमारी रांम कूं
वाजिद