नाव पर कवितावां

कवियों ने नाव को जीवन

और गति के प्रतीक के रूप में देखा है। जीवन के भवसागर होने की कल्पना में पार उतरने का माध्यम नाव, नैया, नौका को ही होना है।

कविता1

कागद री नाव

भगवती लाल व्यास