ज्ञान पर कवितावां

ज्ञान का महत्त्व सभी

युगों और संस्कृतियों में एकसमान रहा है। यहाँ प्रस्तुत है—ज्ञान, बोध, समझ और जानने के विभिन्न पर्यायों को प्रसंग में लातीं कविताओं का एक चयन।

कविता15

भड़ास

विमला महरिया 'मौज'

ओळख

कन्हैयालाल सेठिया

म्हां कीं नीं जांणां

चन्द्र प्रकाश देवल

बोध रौ मारग

चन्द्र प्रकाश देवल

आखर बिणजारो

देवकी दर्पण ‘रसराज’

निवेड़ौ

चन्द्र प्रकाश देवल

मानखो

मोहम्मद सदीक

पाप-बोध

सत्यप्रकाश जोशी

सीख

प्रहलादराय पारीक

चेत मानखा चेत

मोहम्मद सदीक

बापू रौ चसमौ

चन्द्र प्रकाश देवल

दिन : आतमग्यान

सत्यप्रकाश जोशी

दीठ

शैलेन्द्र सिंह नूंदड़ा

मन रा पंपाळ

चन्द्र प्रकाश देवल

रंगरूट

पवन सिहाग 'अनाम'