ज्ञान पर पद

ज्ञान का महत्त्व सभी

युगों और संस्कृतियों में एकसमान रहा है। यहाँ प्रस्तुत है—ज्ञान, बोध, समझ और जानने के विभिन्न पर्यायों को प्रसंग में लातीं कविताओं का एक चयन।

पद14

गुरु प्रमांण

बाबा रामदेवजी

अभय प्रमांण

बाबा रामदेवजी

मुगति प्रमांण

बाबा रामदेवजी

हरि भगति बेलि मन में लगाय

आत्माराम 'रामस्नेही संत'

जोग पंथ है झीणो

राजा मानसिंह

ऐसे नहीं धीजिए

आत्माराम 'रामस्नेही संत'

सुण रे भँवर सैलाणी

राजा मानसिंह