ज्ञान पर दूहा

ज्ञान का महत्त्व सभी

युगों और संस्कृतियों में एकसमान रहा है। यहाँ प्रस्तुत है—ज्ञान, बोध, समझ और जानने के विभिन्न पर्यायों को प्रसंग में लातीं कविताओं का एक चयन।

दूहा10

ऊमर तो बोळी गई

लालनाथ जी

किशनदास ऐसो जनम

किशनदास जी महाराज

बरस बोहत वाणारसी

कान्होजी बारहठ

निराकार आकार बिच

किशनदास जी महाराज

पर उपकारी

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

देवा सत्संगति सुख राशि है

स्वामी देवादास जी