ज्ञान पर कुंडलियाँ

ज्ञान का महत्त्व सभी

युगों और संस्कृतियों में एकसमान रहा है। यहाँ प्रस्तुत है—ज्ञान, बोध, समझ और जानने के विभिन्न पर्यायों को प्रसंग में लातीं कविताओं का एक चयन।

कुण्डळियौ छंद2

रागी पागी पारख

संत सुखरामदास

कुण्डळियां

श्यामसुन्दर शर्मा ‘साक्षी’