जयपुरी ख्याल
जयपुरी शैली के ख्यालों को तमाशा कहते हैं। इस ख्याल के लेखन व मंचन में यहां के भट्ट परिवार का एकाधिकार रहा है। लगभग दो सौ वर्ष पहले जयपुर महाराजा रामसिंह के दरबार में बंशीधर भट्ट भजन गायकी करते थे। उन्होंने महाराजा के मनोरंजन के लिए कुछेक नाटकों (तमाशों)