ओळमौ पर कवितावां

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

कविता79

पांखी री पीड़

भगवती लाल व्यास

राजमहलां सांभळौ

तेजस मुंगेरिया

म्हूं आम आदमी

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

मौत रो पर्यायवाची

मेघराज मुकुल

ठग विद्या

सम्पत सरल

खेत

संजू श्रीमाली

किंवाड़

शंकरलाल मीणा

लिखूंला जरूर

भंवर भादानी

होठां रा पट खोल मिनख

शंकरलाल स्वामी

मजदूरण

ज़ेबा रशीद

इंकलाब री आस में

राजू सारसर 'राज'

'केश्या' की चेतावणी

हीरालाल शास्त्री

कुण जाणे

कैलाश मंडेला

नारीहीण दुनिया

कपिलदेव आर्य

सगत

शंभुदान मेहडू

भ्रस्टाचार

जितेन्द्र निर्मोही

परकत इच्छा

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

औळमो

मघाराम लिम्बा

राजीपो

राणुसिंह राजपुरोहित

भींत

महेंद्र मोदी

मिनख रो पतो

कैलाश मंडेला

एक मांदो गांव’र मैं

रामस्वरूप ‘परेश’

माइतां

करणीदान बारहठ

रेत

प्रेम शर्मा

रात

अशोक परिहार 'उदय'

हेताळू

कमर मेवाड़ी

छूट

राणुसिंह राजपुरोहित

भूख

शंभुदान मेहडू

करड़ो सांच

कैलाश मंडेला

अरजी पंचां की

नयनूराम शर्मा

दुनियादारी

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

तिरस अर समन्दर

सुरेन्द्र अंचल

दंगां रै पछै

श्यामसुंदर भारती

बिरहण

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

अंतस रो ओळमो

देवीलाल महिया

रसोई

कमल किशोर पिपलवा

काल अर आज

ज़ेबा रशीद

मूँ बापड़ौ

मोड़ सिंघ बल्ला ‘मृगेन्द्र’

बाड़

देवीलाल महिया

बलम म्हारो

कृष्णा आचार्य

रंगमंच

लक्ष्मीनारायण रंगा

सालीणौ इम्तहान

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

ओळख

कुमार अजय

भटकाया

मुखराम माकड़ ‘माहिर’

अतीत

ज़ेबा रशीद

प्रेम रो पीळास

आशीष पुरोहित