ओळमौ पर कवितावां

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

कविता41

हेताळू

कमर मेवाड़ी

छूट

राणुसिंह राजपुरोहित

भूख

शंभुदान मेहडू

राजमहलां सांभळौ

तेजस मुंगेरिया

म्हूं आम आदमी

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

ठग विद्या

सम्पत सरल

किंवाड़

शंकरलाल मीणा

लिखूंला जरूर

भंवर भादानी

इंकलाब री आस में

राजू सारसर 'राज'

'केश्या' की चेतावणी

हीरालाल सास्त्री

सगत

शंभुदान मेहडू

भ्रस्टाचार

जितेन्द्र निर्मोही

औळमो

मघाराम लिम्बा

राजीपो

राणुसिंह राजपुरोहित

माइतां

करणीदान बारहठ

अरजी पंचां की

नयनूराम शर्मा

दंगां रै पछै

श्यामसुंदर भारती

बिरहण

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

अंतस रो ओळमो

देवीलाल महिया

मूँ बापड़ौ

मोड़ सिंघ बल्ला ‘मृगेन्द्र’

बलम म्हारो

कृष्णा आचार्य

रंगमंच

लक्ष्मीनारायण रंगा

सालीणौ इम्तहान

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

भटकाया

मुखराम माकड़ ‘माहिर’

म्हे आज बोलां छां

हीरालाल सास्त्री

ओळमो

दीनदयाल शर्मा

बगत पसवाड़ा फोरै

दुलाराम सहारण

बांण

दुलाराम सहारण

होड

गंगासागर सारस्वत

मरजादा

बी.एल.माली

सावचेत

राजकुमारी पारीक

दरसाव

जितेन्द्र निर्मोही

हिये रे आळे-याळे

शंकरलाल मीणा