ओळमौ पर कवितावां

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

कविता62

राजमहलां सांभळौ

तेजस मुंगेरिया

पांखी री पीड़

भगवती लाल व्यास

अरजी पंचां की

नयनूराम शर्मा

दंगां रै पछै

श्यामसुंदर भारती

बिरहण

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

अंतस रो ओळमो

देवीलाल महिया

काल अर आज

ज़ेबा रशीद

मूँ बापड़ौ

मोड़ सिंघ बल्ला ‘मृगेन्द्र’

बलम म्हारो

कृष्णा आचार्य

रंगमंच

लक्ष्मीनारायण रंगा

सालीणौ इम्तहान

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

भटकाया

मुखराम माकड़ ‘माहिर’

अतीत

ज़ेबा रशीद

सगत

शंभुदान मेहडू

भ्रस्टाचार

जितेन्द्र निर्मोही

औळमो

मघाराम लिम्बा

राजीपो

राणुसिंह राजपुरोहित

भींत

महेंद्र मोदी

म्हे आज बोलां छां

हीरालाल शास्त्री

ओळमो

दीनदयाल शर्मा

म्हूं आम आदमी

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

मौत रो पर्यायवाची

मेघराज मुकुल

ठग विद्या

सम्पत सरल

खेत

संजू श्रीमाली

किंवाड़

शंकरलाल मीणा

लिखूंला जरूर

भंवर भादानी

होठां रा पट खोल मिनख

शंकरलाल स्वामी

मजदूरण

ज़ेबा रशीद

इंकलाब री आस में

राजू सारसर 'राज'

'केश्या' की चेतावणी

हीरालाल शास्त्री

रेत

प्रेम शर्मा

रात

अशोक परिहार 'उदय'

हेताळू

कमर मेवाड़ी

छूट

राणुसिंह राजपुरोहित

भूख

शंभुदान मेहडू

बगत पसवाड़ा फोरै

दुलाराम सहारण

बांण

दुलाराम सहारण

होड

गंगासागर सारस्वत

सगती लछमी सार

ब्रजनारायण पुरोहित

कसक

किरण बाला 'किरन'