ओळमौ पर ग़ज़ल

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

ग़ज़ल6

म्हनै आपरी थां कद जाणी

अशोक जोशी ‘क्रांत’

जिन्दगी

पुरुषोत्तम छंगाणी

घुग्घा ने परभात, आसे नी आवे

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

क्यूं म्हे किण री बात करां

गौरीशंकर आचार्य ‘अरूण’