ओळमौ पर सोरठा

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

सोरठा2

पति गंध्रप हे पाँच

रामनाथ कविया

अणव्हैती व्है आज

रामनाथ कविया