ओळमौ पर सोरठा

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

सोरठा9

रूठ असी दै रेस

रामनाथ कविया

धव म्हारा रणधीर

रामनाथ कविया

भव तूं जाणै भेव

रामनाथ कविया

रामत चौपड़ राज री

रामनाथ कविया

पति गंध्रप हे पाँच

रामनाथ कविया

अणव्हैती व्है आज

रामनाथ कविया

पंडव जणिया पाँच

रामनाथ कविया

बैध्यो मछ जिण बार

रामनाथ कविया

है तूं बाकी हेक

रामनाथ कविया