ओळमौ पर त्रिभंगी छंद

हर भाषा रै साहित्य में

हर विसै सूं एक शिकायत प्रगट करी जावै, कविता अर लोक में उणनै 'ओळमौ'कैवै। अठै प्रस्तुत चयन रौ आधार ओळमौ है।

त्रिभंगी छंद1

ऊनाळा-अष्टक

कमल सिंह सुल्ताना